रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 28 मई 2021 : नोखा। भरी गर्मी का मौसम है। इस बीच तूफान ने नोखा प्रखंड क्षेत्र में अच्छी खासी बारिश करा दी है। बरसात के पूर्व हुए इस बारिश ने नगर परिषद नोखा के नाले-नालियों को पोल खोल कर रख दी है। शहर के प्रमुख सड़कों पर पानी जमा है। बड़े-बड़े नाले जाम हैं, तो नालियों से पानी की निकासी बंद पड़ी है। ऐसे में शहर के कई प्रमुख मार्ग और मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं। एक तरफ नागरिकों की समस्या बढ़ गयी है, तो दूसरी तरफ नगर परिषद नोखा मौन साधे हैं।

अगर ऐसा ही रहा, तो इस बार की बरसात में भी शहर डूबना तय है। फिलहाल, प्रचंड गर्मी के मौसम में भी शहर के कई मोहल्ले जलमग्न हैं। अब बरसात आने पर शहर का क्या हाल होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इधर, नागरिक वार्ड पार्षद को गुहार लगा रहे थे लेकिन पार्षद हो या अधिकारी, कान पर जूं तक नहीं रेंगा है। स्थिति यह है कि लॉकडाउन के बाद कई मोहल्लों के नागरिक हल्ला बोल करने का मन बना चुके हैं। जलजमाव की विकराल होती समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।नगर परिषद नोखा क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 सर्वोदय नगर,पासवान मुहल्ला, डफल टोला स्थित मुख्य मार्ग मोहल्ले के नागरिक बेहाल हैं। मोहल्ले की सड़कों पर नाली का गंदा पानी बहता हैं, जो नगर परिषद नोखा के स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाता नजर आता है। स्थिति यह है कि एक वार्ड के पार्षद भी नागरिकों की समस्या से सरोकार नहीं रखते। ऐसे में नागरिकों को मजबूरन नाली के गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन इनकी समस्या से निजात दिलानेवाला कोई मददगार नहीं मिलता।

मोहल्ले वासियों ने कई बार मामले की शिकायत संबंधित वार्ड पार्षद और नगर परिषद नोखा के आला अधिकारियों से की है। लेकिन आज तक कार्रवाई सिफर हैं। इलाके के बुद्धिजीवी और आम नागरिक व्यवस्था से तंग आ चुके हैं और आक्रोशित होकर धरना-प्रदर्शन करने का मन बना रहे हैं।शहर के नाले-नालियों की सफाई ठप हैं। आलम यह है कि बरसात के पहले ही शहर के कई मोहल्ले गंदे पानी में डूब गए हैं। फिलहाल गर्मी है, तो समस्या कम हैं। लेकिन बरसात में आनेवाली समस्या के बारे में विचार करके ही नागरिक कांप जा रहे हैं।

शहर के मुख्य बाजार,सर्वोदय नगर,, पटेल नगर, सुआरा टोला, पासवान मुहल्ला, स्टेशन रोड सहित कई मोहल्लों की समस्या एक जैसी है। इन मोहल्लों से पानी निकासी की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। बढ़ती जनसंख्या और उसके घनत्व ने मोहल्लों के संसाधनों में कमी लायी है। पहले की जो भी व्यवस्था है, वह ध्वस्त हो चुकी है। ऐसे में बढ़ती जनसंख्या के लिए नए नालों का निर्माण, पुराने नालों की उड़ाही और जीर्णोद्धार जैसे काम ठप पड़े हैं। नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद नोखा को सभी तरह का टैक्स अदा किया जाता है, तो यह सुविधाओं में इजाफा क्यों नहीं करता। बार-बार के मनुहार के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती। फिलहाल, जलमग्न मोहल्ले-टोलें का नागरिकों का आक्रोश चरम पर है।

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