नोखा। दीपों का पर्व दीपावली शनिवार को प्रखंड क्षेत्र में मनाया जाएगा। इस दीपावली के पर्व पर सबसे ज्यादा उत्साह बच्चों में रहता है। इस दीपावली में स्कूली बच्चों ने पटाखे नहीं फोड़ने की शपथ ले रखी है। शहर में पटाखों की कई दुकानें दीपावली को लेकर खुल गई हैं। हालांकि नोखा के बच्चों ने इस साल दीपावली में पटाखे नहीं फोड़ने का संकल्प लिया है। बच्चों ने पटाख्रे जलाते समय की सुरक्षा व प्रदूषण को मौजूदा समय में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। लिहाजा पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी है। पटाखों के विरुद्ध अभियान को शहर के बच्चों का समर्थन मिल रहा है। बच्चों से लेकर सीनियर सिटीजन तक इस बात की शपथ ले रहे हैं कि वे पर्यावरण की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। धुएं और शोर से शहर को बचाने की जिम्मेदारी उनकी भी है। प्रदूषण को रोकने के लिए अपनी ओर से पहल करने के साथ वे लोगों को जागरूक भी करेंगे।

शहर के कई मोहल्लों के बच्चों व अभिभाकों ने कहा कि पटाखा के शोर से लोग असहज महसूस करने लगते हैं।पटाखों से ध्वनि व वायु प्रदूषण बढ़ता है। प्रेशर हॉर्न और पटाखों की धमक के शोर से हाइपरटेंशन जैसी समस्या हो सकती है। तेज रोशनी वाले पटाखों से कलर ब्लाइंडनेस व अदृश्य रूप में त्वचा-जलन जैसे दुष्परिणाम हो सकते हैं। मरीजों और बच्चों को पटाखों से निकले वायु-शोर प्रदूषण से सचेत किया गया। पर्यावरण की रक्षा और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों ने दिपावली पर पटाखे नहीं छोड़ने का संकल्प लिया बच्चे पटाखों से पर्यावरण को होने वाली क्षति के अलावे तेज आवाज से होने वाले ध्वनि प्रदूषण, धुएं से होने वाले वायू प्रदूषण आदि के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। बच्चों ने कहा कि पटाखे से कई तरह की समस्या उत्पन्न होती है। फिजुलखर्ची के अलावा स्वास्थ्य पर भी इसका खराब प्रभाव पड़ता है। शरीर को नुकसान होने की आशंका बनी रहती है। यदि दीपावली की खुशी मनानी है तो पटाखे की जगह फुलझड़ी जलाएं।

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