रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : 26 अप्रैल 2021 : डेहरी ऑन सोन । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक बार फिर मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न कर दिया है। उक्त बाते केन कोआपरेटिव के सचिव प्रभात कुमार रंजन उर्फ नीरज ने कहा। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण अप्रवासी मजदूर अपने घर लौटने लगे हैं । दिल्ली मुंबई गुजरात राजस्थान समेत कई राज्यों में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए उद्योगपतियों के द्वारा अपनी-अपनी कल कारखानों में उत्पादन बंद कर दिया गया है तथा वहां से बेकार होकर मजदूर अपने घर लौटने लगे हैं। जिसके कारण पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मजदूर किसी तरह घर पहुंच रहे हैं पर उन्हें पेट भरने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रदेशों से लौटने वाले मजदूरों के लिए प्रखंडों में कोरेनटाईन सेंटर खोले गए हैं। सिर्फ क्वॉरेंटाइन सेंटर खोलने से मजदूरों की भला होने वाला नहीं है। क्वॉरेंटाइन सेंटर के बाद मजदूरों तथा उनके परिजनों की रोजी रोटी कैसे चलेगी यह सबसे बड़ी समस्या है। आखिरकार मजदूर अपनी पेट कैसे भरेंगे प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाएं हवा हवाई साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए सरकार के द्वारा गरीब कल्याण योजना का शुभारंभ किया गया था परंतु गरीब कल्याण योजना भी हवा हवाई साबित हुआ। पिछले वर्ष जो मजदूर अपने घर आए थे उन्हें रोजगार देने के लिए काम कराया गया था जिसकी मजदूरी का भुगतान भी कई महीने बाद किया गया । इस योजना के तहत पशु सेड बनवाने का कार्य किए थे उनका अभी तक लागत खर्च का भुगतान नहीं किया गया है। राशि के भुगतान के लिए ग्रामीण किसान पशुपालक प्रखंड कार्यालय एवं मनरेगा कार्यालय का लगातार चक्कर काट रहा है फिर भी उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है।

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