लगाए गए सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच हो :ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 06 नवम्बर 2022 : फतुहा : आचार्य गद्दी कबीरपंथी मठ फतुहा में  साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महंत ब्रजेश मुनि ने कहा  कि पिछले महीने पंच प्यारे द्वारा जिन आरोपों के आधार पर विश्वभर में प्रसिद्ध तख्त हरमंदिर साहिब पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर को तनखैया अर्थात दोषी घोषित किया गया था। इन पर आरोप लगाया गया कि इन्होंने दान में दिये गए सोने और अन्य वस्तुओं के रूप में 5 करोड़ से दान का गबन किया है । इस संदर्भ में जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर  मिस्किन से जो वार्ता हुई उसके अनुसार जो भी आरोप लगाए गए हैं वह सभी आरोप तथ्य से परे हैं। जिसने आरोप लगाकर मेरे बारे में पंच पैरों को गुमराह किया है वह तथाकथित डॉक्टर गुरविंदर सिंह सामरा डॉक्टरी का फर्जी डिग्रीधारी,दागी अपराधी गतिविधियों में संलग्न है ।उस पर पटना से पंजाब तक 40 एफआईआर दर्ज हैं ।उसके घर पर से आरडीएक्स बरामद हुआ था। जिस सोने की बात वह कह रहा है वह मैंने  बनवाया ही नहीं। उसने दस करोड़ का फर्जी चेक दिया था। इन सब विषयों पर पंच प्यारे ने ज्ञानी रंजीत सिंह की एक नहीं सुनी और इन्हें तनखैया घोषित कर दिया।

 ज्ञानी रंजीत सिंह का कहना है कि मेरे सुयश और प्रतिष्ठा से ईष्या करने वाले ने साजिश के तहत मुझे दोषी घोषित किया है जबकि सत्य यही है कि मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिस के आरोप में मुझ पर दोषारोपन किया जाए।

आचार्य गद्दी कबीरपंथी मठ फतुहा  के संरक्षक महंत ब्रजेश मुनि ने  सिखों के पवित्र  स्थल हरमंदिर साहेब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह को तनखैया घोषित किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण एवं एकतरफा निर्णय बताते हुए कहा कि जो स्वयं अपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहा है जिस पर अनेकों एफआईआर  दर्ज है उसके कहने पर त्याग तपस्या से जत्थेदार पद पर सुशोभित ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर को बदनाम करना निंदनीय है । मैं तख्त हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से आग्रह करता हूं कि ज्ञानी रंजीत सिंह पर लगाए गए आरोपों की गहन एवं निष्पक्ष जांच की जाए और साजिश के तहत आरोप लगाने वाले के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। महंत ब्रजेश  मुनि ने कहा कि उन्हें भी  सिख श्रद्धालुओं  से प्राप्त जानकारी के अनुसार जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह को साजिश के तहत आरोप लगाकर बदनाम करने के लिए इन्हें तनखैया घोषित किया गया है जो सिख पंथ की मर्यादा के अनुकूल नहीं है। इस अवसर पर न्यास समिति के सदस्य संत विवेक मुनि, सहारनपुर से पधारे महंत स्वरूप शास्त्री, वाराणसी से पधारे संत अशोक दास ,संत महेश दासने भी कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की पूरजोर वकालत की ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network