प्रोन्नति से भरे जाने वाले 75 हजार से अधिक पद 4 वर्षों से खाली
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 13 अक्टूबर 2023 : पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में राज्य की सेवा में प्रोन्नति के पदों पर योग्य कर्मियों को पदानुक्रम में वेतनमान के साथ उच्चतर पदों पर कार्यकारी प्रभाव देने के संबंध में फैसला लिया गया. प्रोन्नति से भरे जाने वाले 75 हजार से अधिक पद वर्षों से खाली है।एससी-एसटी के 17 प्रतिशत अलग रख, शेष में 17 प्रतिशत आरक्षण प्रोन्नति के तहत अब कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक कोटे के अंदर कोटा दिया जाएगा। साल 2016 से सराकरी कर्मियों को प्रोन्नति बाधित है। कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण एससी (16%)-एसटी (1%) के 17% पद रिजर्व छोड़ दिया जाएगा। उसके बाद शेष 83 प्रतिशत के बीच प्रमोशन दिया जाएगा। इसके बाद देखा जाएगा कि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व उचित है या नहीं। मतलब, देखा जाएगा कि 83 प्रतिशत में 16 प्रतिशत एससी और 1 प्रतिशत एसटी पद पर हैं या नहीं। अगर नहीं हैं तो इन 83 प्रतिशत में फिर 16 प्रतिशत एससी और 1 प्रतिशत एसटी को आरक्षण दिया जाएगा। अगर उतने कर्मी इन दोनों वर्गों में नहीं तो वह पद आरक्षित मानते हुए खाली रखा जाएगा। पुलिस और शिक्षकों को भी इसका लाभ मिलेगा। बिहार सरकार के इस फैसले से बिहार के तकरीबन 5 लाख सरकारी सेवक को फायदा होगा। सामान्य प्रसासन विभाग ने पाच लाख राज्यकर्मियों के 2016 से लंबित प्रोन्नति देने हेतु अधिसूचना राज्य गजट के असाधारण अंक में आज ही प्रकाशित भी कर दिया है। इसमें कहा गया कि प्रोन्नति का लिभ पान वाले बड़ी संख्या में कर्मी सेवानिवृत्त हो गये हैं।
कैबिनेट की बैठक में राज्य की सेवा में प्रोन्नति के पदों पर योग्य कर्मियों को कार्यकारी प्रभाव देने के अलावा कई फैसला लिया गया है। फैसला के तहत प्रोन्नति से भरे जाने वाले 83% पदो पर प्रोन्नति मिलेगी। अनुसूचित जाति के 16% और अनुसूचित जन जाति के 1 % पद खाली रहेंगे। इन 17% जातियों को प्रोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लंबित रहने से प्रोन्नति स्थगित कर रखी गयी है। वामपंथी प्रभावित राज्यों में केंद्र प्रायोजित विशेष कआधारभूत संरचना योजना के तहत विशेष कार्य बल एवं उग्रवाद प्रभावित जिलों के जिला पुलिस के उन्नयन हेतु सुदृढ़ीकरण के लिये 37 करोड़ 83 लाख 17697 रुपये की स्वीकृति मिली है। बिहार पंचायत सेवा नियमावली 2010 के नियम 2, 3, 4 एवं 7 में संशोधन करने के संबंध में स्वीकृति मिली है, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के क्षेत्रीय चक्षु स्थान के लिए विभिन्न विभागों के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक 149 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति भी दी गई. वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से जीएफआर 2017 के नियम के संशोधन के अनुरूप बिहार वित्त नियमावली 150 के नियम 30 को संशोधित करने के संबंध में स्वीकृत दी गई.