आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 फरवरी 2022 : पटना : बिहार में शराबबंदी कानून को धत्ता बताने वाले शराबखोर को गिरफ़्तारी से बचने के लिए  बेचनेवालों का पता बताने की छूट देने का निर्णय लिया है। अप्रैल,2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद  3.50 लाख से अधिक शराबखानों की गिरफ्तारी हुई है। होली नजदीक देख शराबखोरी बढ़ाते देख सरकार ने शराब के  कारोबारियों अंकुश लगाने की ठानी है।

मद्य निषेध विभाग ने शराब को  राहत देने के लिए  फैसला लिया है कि अब राज्य में वैसे शराबियों को जेल जाने से छूट दी जाएगी ( जेल नहीं जाएंगे), जो अपने इलाके के शराब माफिया की सही जानकारी  विभाग को देंगे।
बिहार में शराबबंदी कानून सख्ती से लागू है। पहली बार इसमें राहत मिलने की खबर सामने आई है। मद्य निषेध विभाग ने उन शराबियों को राहत देने की बात कही है जो शराब माफिया की सही जानकारी देंगे। उत्पाद विभाग के आयुक्त कृष्ण कुमार के मुताबिक, शराब तस्करों को पकड़ने के लिए विभाग अब नई नीति पर काम करने जा रहा है। इसके तहत शराब पीने वाला व्यक्ति यदि शराब तस्कर की सही जानकारी देता है तो उसे छूट दी जाएगी और उसे जेल नहीं भेजा जाएगा। हालांकि, इसमें यह देखना होगा कि पकड़े गए शराबी की तरफ से विभाग को दी गई जानकारी सही है या नहीं।

4 लाख लोग शराब पीने के आरोप में जेल में हैं बंद

सरकार का यह फैसला शराबबंदी पर दो तरह से असर करेगा। पहला इससे जहां शराब माफिया और शराब के अड्‌डों की जानकारी, खुद पीने वाले विभाग को देंगे। वहीं दूसरी तरफ जेल में शराबियों की बढ़ती संख्या भी कम होगी। खुद मद्य निषेध विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस समय बिहार में 4 लाख लोग शराब पीने के आरोप में जेल में बंद हैं। यह फैसला बिहार के उत्पाद विभाग ने दिया है। आज बिहार में शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्य निषेध विभाग ने समीक्षा की। इसके बाद विभाग ने यह फैसला लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी से जुड़ी तैयारियों पर पूछा था सवाल

मद्य निषेध विभाग की तरफ से यह खबर तब सामने आई है जब 3 दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार से सवाल पूछा था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के शराबबंदी कानून के कारण अदालतों में बढ़ते मुकदमों की संख्या पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा था कि कानून लागू करने से पहले क्या सरकार ने अदालती ढांचा तैयार किया था। माना यह जा रहा है कि बिहार सरकार ने जो राहत दी है वो इसी सवाल का असर है।

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