आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 09 नवंबर 2023 : पटना। बिहार विधानसभा में आज फिर अनहोनी हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर आगबबूला हो गए। खुले तौर पर तुडाक पर उतर आये। रोष और खीझ भरे स्वर में नीतीश पूर्व सीएम मांझी पर बरसते रहे-” यह मेरी गलती से सीएम बन गया। मेरी मूर्खता में सीएम बन गया। मुरे गदहापन में यह सीएम बन गया।इसको कोई सेंस नही है।” नीतीश की बौखलाट देख सदन सन्न था। अपनी बात कह चुके मांझी भी हतप्रभ थे। नीतीश रोकते नही रूक रहे थे।बोले जा रहे थे-“यह गर्नर बनना चाहता है।”

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नीतीश कुमार ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू को मात्र दो सीटों पर जीत मिलने से खिन्न होकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था। मांझी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि इसको कोई समझ नहीं है. कोई सेंस नहीं है. मेरी गलती के कारण मुख्यमंत्री बना. कुछ भी बोलता रहता है. भारी शोर शराबे के बीच भाजपा सदस्यों ने मांझी को अपमानित करने के विरोध में वेल मे आकर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने बैठक कल तक 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

 बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव के पास होने के बाद जीतन राम मांझी सदन में बोल रहे थे. इसी दौरान उनकी बातों को सुनते ही नीतीश गुस्से में आ गए. उन्होंने कहा कि मांझी अब भाजपा की ओर भाग गए हैं. इसको कुछ समझ में आता है. भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप लोग के पीछे घूम रहा है और यह गवर्नर बनना चाहता है इसको गवर्नर बनवा दीजिए. इस दौरान गुस्साए नीतीश को शांत कराने के लिए बार बार विजय चौधरी बोलते नजर आए. मंत्री संजय झा और बिहार विधान सभा में अगडे वर्ग का 10% आरुक्षण के अतिरिक्त सर्व सम्मति से 50% से बढाकर 65% आरक्षण करने संबंधी विधेयक पास सर्व सम्मति से पास हो गया। इसमें अनुसूचित जाति के लिए होगा। विधानसभा में आरक्षण विधेयक प्रभारी मंत्री विजय चौधरी ने किया पेश किया इसके तहत आरक्षण के मौजूदा 50 प्रतिशत को बढ़ाकर अब 65 प्रतिशत कर दिया गया है. विधेयक को सत्ताधारी गठबंधन जदयू, राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ ही विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया. इसके लिए होड रही।

जीतन राम मांझी पर सरकार की और से विधेयक पर सफाई देते हुए कहा गया कि इस अधिनियम से 65 फीसदी ही आरक्षण दिया जा सकता है. वहीं भाजपा विधायको ने अति पिछड़ों को और अधिक आरक्षण देने की मांग की. बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने पार्टी की ओर से इस मांग को रखा. 7 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण को 65 प्रतिशत तक करने के सुझाव दिया था जिसके बाद उसी शाम कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई. अब इसे विधानसभा से पास कर दिया गया है. 

प्रस्ताव के अनुसार अब 65 फीसदी आरक्षण के फॉर्मूला में SC समुदाय के 16 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा. वहीं एसटी के एक फीसदी आरक्षण से बढ़ाकर 2 फीसदी किया जाएगा. वहीं EBC (अत्यंत पिछड़ा) और OBC को मिलाकर अब 43 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. साथ ही EWS के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया.

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