आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 12 अक्टूबर 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ स्थित पर्वती कुंड मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने आदि कैलाश का दर्शन किया। दर्शन और पूजन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी एक अलग ही रंग- रूप में नजर आए। उन्होंने क्रीम कलर का ओवरकोट जैसा एक ड्रेस पहन रखा था। यह उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों का पारंपरिक ड्रेस है। चार धाम जाने वाले यात्रियों के लिए यह ड्रेस भोटिया जनजाति के लोग तैयार करते हैं। यही उनका मुख्य व्यवसाय है। पीएम नरेंद्र मोदी ने जब इस ड्रेस को पहना तो इसे बनाने वाली भोटिया जनजाति की चर्चा शुरू हो गई है।प्रधानमंत्री मोदी अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत 12 अक्टूबर, 2023 को सुबह 8.45 बजे हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ जनपद में ज्योलिंगकांग हेलीपैड पर उतरे। यहां से दाहिनी ओर करीब डेढ़ किमी की दूरी कार से तय करते हुए हिमालय की चोटी पर स्थित पार्वती सरोवर और शिव मंदिर पहुंचे। करीब 25 मिनट तक शिव की पूजा और ध्यान किया। आदि कैलाश मंदिर में रं-समुदाय के लामा पुजारियों ने पौराणिक काल से प्रसिद्ध शिव-पार्वती की माटी पूजा पूरे विधि विधान के साथ संपन्न की।

पीएम मोदी ने आदि कैलाश पर्वत और पार्वती सरोवर के दर्शन भी किए। आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन कर प्रधानमंत्री अभीभूत हो उठे। उन्होंने कहा कि आदि कैलाश के दर्शन कर उनका मन प्रसन्न और जीवन धन्य हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। यहां कण-कण में देवी देवताओं का वास है। भगवान आदि कैलाश के दर्शन कर उन्हें परम आनंद की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के मंदिर आस्था ही नही आर्थिकी का भी केंद्र हैं। इन मंदिरों से हजारों लोगों की आर्थिकी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़ी है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी मंदिरों को एक सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आदि कैलाश और आसपास के क्षेत्र के बारे जानकारी दी।

प्रधानमंत्री मोदी आदि कैलाश की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री भी बन गए हैं। तीन देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगी इस भूमि से प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व को अध्यात्म और वैश्विक क्षेत्र में उभरती भारत की शक्ति का संदेश भी दिया। प्रधानमंत्री के भ्रमण से आदि कैलाश क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन की संभावनाएं बढ गई है।

पिथौरागढ़ जनपद में आदि कैलाश 14 हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर चीन और नेपाल की सीमा से सटा है और भारत की आध्यात्मिक भूमि है। आदि कैलाश के बारे में मान्यता है कि यह स्थान भगवान शिव के परिवार का निवास स्थान है। आदि कैलाश मार्ग पर मुख्य आकर्षण ओम पर्वत है। इस पर्वत पर ओम की आकृति उभरी हुई है। ओम पर्वत कैलाश यात्रा मार्ग में नावीढांगा में स्थित है। ओम पर्वत को आदि कैलाश का छोटा कैलाश भी कहा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network