आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 09 फरवरी 2023 : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि पहले की सरकारों के राज में कुछ घंटे ही बिजली आती थी। गांव में बीच में एक खंभा डाल दिया, लेकिन आज स्थिति बदली है। आज हम अपने गांवों में दिन में 22 घंटे बिजली दे रहे हैं। हमने खुद के लिए दबाव बढ़ाया और लोगों की मांग बढ़ने लगी। हमने खुद के लिए मेहनत वाला रास्ता चुना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने आजादी के अमृत काल में एक बहुत बड़ा हिम्मत बड़ा फैसला लिया। हमने यह सुनिश्चित करना शुरू किया कि हर योजना के शत प्रतिशत लाभार्थियों को योजना का पूरा लाभ पहुंचे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला मेरा, तेरा सारे भेदों को मिटाने वाला रास्ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पंक्ति में खड़े हुए सबसे कमजोर व आखिरी व्यक्ति, जिसकी महात्मा गांधी बात करते थे उसके अधिकारों की रक्षा करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही सामाजिक न्याय की असली गारंटी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही सच्चा सेकुलरिज्म है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश हमारे साथ है, कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा हमारे देश की आजादी में 1857 से लेकर कोई भी समय ले लीजिए हमारे देश की आजादी की लड़ाई में हमारे देश के आदिवासियों का बलिदान स्वर्णिम रूप से भरा पड़ा है। लेकिन दशकों तक हमारे आदिवासी भाई विकास से वंचित रहे। ऐसे में इन नौजवानों के मन में बार-बार सरकारों के लिए सवाल उठते चले गए। यदि सही नियत, नेक नियत से काम किया जाता है तो ऐसा नहीं होता। अटल बिहारी वाजपाई की सरकार में पहली बार आदिवासियों के कल्याण के लिए अलग से मंत्रालय बना। प्रधानमंत्री ने कहा आज पीछे रह गए क्षेत्रों के विकास के लिए हमने 110 आकांक्षी जिलों की पहचान की। यह वह क्षेत्र थे जहां के लोग सामाजिक, भौगोलिक या किसी अन्य कारण से पीछे रह गए थे। इन क्षेत्रों के लिए काम किया गया है। 3 करोड़ आदिवासी भाइयों को हमारी योजनाओं का सीधा लाभ मिला है।

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हमारे हमने बीते 9 वर्षों में आदिवासी जनजातियों के लिए 500 में एकलव्य मॉडल स्कूलों पर काम किया है। आदिवासियों के कल्याण के लिए समर्पित हमारी सरकार ने हजारों नए शिक्षकों की भर्ती का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने सरकार में आने के बाद 80 हजार से अधिक जमीन के पट्टे दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की समाजिक नीति उनकी अर्थनीति पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब, रेहड़ी वाले पटरी वाले, छोटे-छोटे काम करने वाले लोगों का जीवन ब्याजखोरों के चुंगल में फंस कर रह जाता था। हमने इन लोगों का जीवन सुलभ बनाने का काम किया है।

प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि छोटे किसान, 1 एकड़ 2 एकड़ भूमि वाले किसान परेशान थे। हमने उनकी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया। छोटे किसानों को नार्मल बैंकिंग के साथ जोड़ा। आज छोटे किसानों को साल में तीन बार पीएम किसान निधि की सहायता मिलती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि मोटे अनाजों की खेती करने वाले छोटे किसानों के साथ हमारी सरकार खड़ी हुई। सरकार ने यूनाइटेड नेशन को लिखा और कहा कि मिलेट ईयर बनाइए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य और नए बाजार उपलब्ध होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जॉब निर्णयों में माताओं बहनों की भागीदारी बढ़ती है तो प्रणाम जल्दी मिलते हैं अच्छे मिलते हैं। माताओं बहनों की भागीदारी बढ़े। निर्णय प्रक्रिया में वह हमारे साथ शामिल हो, महिलाओं के नेतृत्व के विकास के लिए हमारी सरकार ने में प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष की उन बातों को आड़े हाथों लेते हुए कहा जिसमें कहा गया था कि क्या महिलाओं को सिर्फ टॉयलेट प्रदान करने से विकास हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि हमने 11 करोड़ माताओं बहनों के लिए टॉयलेट का निर्माण कराया है।

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