प्रबंधक रोहित वर्मा ने अंग वस्त्र देकर नगर थानाध्यक्ष को सम्मानित किया
रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : सासाराम, 23 फरवरी। पुलिस सप्ताह 2021 के अवसर पर छ: दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत संत पॉल स्कूल के उमा ऑडिटोरियम में मंगलवार को यहाँ के विद्यार्थियों और पुलिस- प्रशासन के बीच वाद – विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पूर्व नगर थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह एवं विद्यालय के प्रबंधक रोहित वर्मा ने विद्यार्थियों से वार्तालाप कर अपने अंदर से पुलिस के प्रति डर को निकाल कर मैत्रीपूर्ण रवैया अपनाने पर बल दिया।
सड़क सुरक्षा से संबंधित वाद – विवाद कार्यशाला का आरंभ करते हुए नगर थानाध्यक्ष ने कहा कि अगर आंकड़ों पर गौर किया जाये तो जितना लोग बिमारियों और क्रिमिनल एक्टिविटी से नहीं मरते हैं उससे कहीं ज्यादा लोग सड़क हादसों में दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग ट्रैफिक रूल्स का पालन नहीं करते हैं।
विद्यालय के प्रबंधक रोहित वर्मा ने विद्यार्थियों से प्रश्न करते हुए पूछा कि सबसे पहले आप यह बतायें कि पुलिस से किसको – किसको डर लगता है ? वहीं नगर थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह ने पुलिस की धूमिल छवि का चरित्र- चित्रण करते हुए विद्यार्थियों से पुलिस की कार्य शैली, उनका व्यवहार एवं उनके आचरण पर बारी – बारी से वार्तालाप किया। सड़क सुरक्षा से संबंधित बातों को रखते हुए उन्होंने बताया कि लोग ट्रैफिक सिग्नल का अनुपालन नहीं करते हैं। पुलिस का कर्तव्य है कि वे सड़कों पर चलने वाले लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति आगाह करे। कभी – कभी तो लोग पुलिस से उलझ जाते हैं । पुलिस दिन – रात सड़कों पर खड़ी रहकर यातायात को नियंत्रित करने के साथ लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के प्रति तत्पर रहती है। पुलिस किसी भी तरह का अनहोनी न हो इसके लिए कागजात की जाँच करती है। अट्ठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चे जिन्हें नाबालिग कहते हैं यदि वे किसी तरह की मोटरबाइक चलाते पकड़े जाते हैं तो नये नियम के अनुसार उनकी गाड़ी को जप्त करने के साथ उनके अभिभावकों पर पच्चीस हजार रूपये जुर्माना वसूल करने का प्रावधान बनाया गया है। सड़कों पर हाई प्रेशर हॉर्न बजाने पर दस हजार रूपये की जुर्माना वसूल करने के साथ उस हॉर्न को तोड़ देने का भी प्रावधान है। अनावश्यक किसी के साथ उलझना, गाली – गलौज करना, मार – पीट पर उतारू होनेवाले लोगों को पुलिस पकड़ कर उन्हें जेल भेज सकती है।
ट्रैफिक रूल्स का पालन हर हाल में करना होगा। अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाना, ओवर स्पीड में गाड़ियों को चलाना, नो पार्किंग जोन में गाड़ियों को खड़ा करना, प्रदूषण जाँच कराये बगैर गाड़ी चलाना, इमरजेन्सी गाड़ियों में यथा पुलिस- फौज की गाड़ियों, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को रास्ता न देना भी अपराध की श्रेणी में आता है। जिसपर फाइन का प्रावधान है।
वाद – विवाद कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहीं विद्यालय की प्राचार्या आराधना वर्मा ने सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कर स्वयं एवं दूसरों को सुरक्षा प्रदान करना हम सभी का कर्तव्य है जैसी बातों पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया। तत्पश्चात वाद – विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय की दसवीं की छात्रा कृतिका सुहानी ने पुलिस- पब्लिक के कार्य – कलाप का वर्णन किया। साथ ही लोगों की सुरक्षा में पुलिस के कर्तव्य को जरूरी बताया। वहीं दसवीं का छात्र अंकित राज ने समाज में पुलिस के उत्तरदायित्व की चर्चा कर सड़क – सुरक्षा की महत्ता पर अपना विचार प्रकट किया। विद्यालय के अन्य विद्यार्थियों में अभया, मयंक, माही कौर, सत्यम कुमारी, ध्रुव राज, महावीस अशफाक सभी ने पुलिस की कार्य शैली को सराहा। कोरोना काल में पुलिस की ड्यूटी को सैल्यूट करते हुए इन्हें कोरोना वैरियर्स बताया। साथ ही कहा कि इमानदार पुलिस बल के कारण ही हम सभी सुरक्षित हैं। शाकिब मिर्जा ने शायराना अंदाज में पुलिस की कार्य शैली को बयां करते हुए कहा कि लहू देकर तिरंगे की बुलंदी को संवारा है। फरिश्ता तुम वतन के हो, तुम्हें सजदा हमारा है। जबकि अनुरोध पांडेय ने कवि के अंदाज में बयां किया कि देश की शान है खाकी, देश की जान है खाकी, अपराधियों के लिए तो शमशान है खाकी। जिसपर उपस्थित सभी विद्यार्थियों ने जोरदार तालियाँ बजाकर अपने सहपाठियों का उत्साह वर्धन किया।
आज की आयोजित कार्यशाला सह वाद – विवाद प्रतियोगिता में दसवीं का छात्र अनुरोध पांडेय को प्रथम, नौवीं का छात्र मयंक प्रकाश एवं छात्रा अभया त्रिपाठी को क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा।