आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 06 दिसंबर 2023 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) के के पाठक की तानाशाही कार्यशैली के  खिलाफ भाकपा (माले), भाकपा, कांग्रेस जैसे सहयोगी दल यदि सचमुच गंभीर हैं, तो उन्हें बंदरघुड़की वाले बयान देकर शिक्षकों के सामने चेहरा नहीं चमकाना चाहिए, बल्कि सरकार से समर्थन वापस लेने का अल्टीमेटम देना चाहिए। 

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सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार सहयोगी दलों और उनके बयानों को कोई महत्व नहीं देते, जबकि पाठक उनके चहेते अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि जब एसीएस पाठक  ने राजद कोटे के शिक्षा मंत्री को अपमानित कर उनका कार्यालय आना बंद करा दिया, तो अन्य सहयोगी दलों की औकात ही क्या है? 

सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने बेटे को मुख्यमंत्री बनवाने के लोभ में नीतीश कुमार के हाथों अपनी पार्टी के शिक्षा मंत्री का अपमान भी बर्दाश्त कर लिया। इससे पाठक का मन बढता रहा। उन्होंने कहा कि पाठक  ऐसे अधिकारी हैं, जो अपने मनमाने, अलोकतांत्रिक और अव्यावहारिक आदेशों के चलते किसी भी विभाग में एक साल से ज्यादा नहीं टिके। उनके आदेशों से नाराज होकर कई बार न्यायालय ने उन पर अर्थदंड लगाना पड़ा। सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग में बदलाव के लिए सत्तारूढ़ दलों के विधायक नाक भी रगड़ लें, तो नीतीश कुमार उनके कहने से पाठक को नहीं हटाएँगे।

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