आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 17 नवंबर 2023 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग ( बीपीएससी) के नवनियुक्त शिक्षकों को अपना संघ या मंच बनाने से रोकने की कार्रवाई कर नीतीश कुमार राज्य में आपातकाल-जैसी स्थिति बना रहे हैं। सुशील मोदी ने कहा कि आज  बीपीएससी के शिक्षक अभ्यर्थियों और नवनियुक्त शिक्षकों के लोकतंत्रिक अधिकार कुचले जा रहे हैं, कल अन्य कर्मचारियों पर यही सख्ती होगी और फिर विपक्ष की आवाज दबायी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीपीएससी  नवनियुक्त शिक्षक संघ गठित करने के आरोप में मधुबनी की शिक्षिका बबीता चौरसिया की नियुक्ति आनन-फानन में रद करना अतिपिछड़ा समाज का अपमान है। सरकार को यह आदेश वापस लेना चाहिए। 

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 सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने यूट्यूबर पत्रकार मनीष कश्यप को फर्जी मामले में गिरफतार कर पहले ही अपना तानाशाही चेहरा दिखा दिया था।  मीडिया पर सरकार -विरोधी सामग्री न छापने का दबाव बढता जा रहा और अब इनके निशाने पर हैं युवा शिक्षक। उन्होंने कहा कि जो सरकार बालू-शराब माफिया के आगे घुटने टेक चुकी है, वह आयोग की शिक्षक भर्ती   परीक्षा पर सवाल उठाने वाले आधा दर्जन युवा अभ्यर्थियों को नोटिस देकर उन्हें डराना चाहती है। 

सुशील मोदी ने कहा कि  शिक्षक अभ्यर्थियों  के नाम-फोटो सार्वजनिक करने वाली सरकार में यदि हिम्मत है, तो वह जमुई में दारोगा की हत्या के आरोपितों के नाम भी फोटो के साथ सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि जब आपातकाल का विरोध करनेे वाले लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ही आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस की गोद में चले गए हैं, तो वे लोकतंत्र का गला ही दबायेंगे। सुशील मोदी ने कहा कि जब इंदिरा गाँधी की तानाशाही नहीं चली, तो इस सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी। भाजपा और बिहार के युवा इस रवैये के विरुद्ध कमर कस चुके हैं। 

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