उत्तराखंड की टनल में फंसे 5 बिहारी मजदूरों को लेकर , बोले- दुर्घटना देश में कहीं भी हो उसमें भुगतने वाला होता है बिहारी ही
![](https://www.rohtasdarshan.com/wp-content/uploads/2023/06/St-Pauls-School-Medical-Enterance-NEET-Exam-Result-2023-1024x512.jpg)
![](https://www.rohtasdarshan.com/wp-content/uploads/2023/06/St-Pauls-School-Teacher-Requirements-1024x809.jpg)
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 24 नवंबर 2023 : मधुबनी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी के निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में 12 दिनों से फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू का काम अभी जारी है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि इसमें लगभग 5 मजदूर बिहार के भी हैं। इसको लेकर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि उत्तराखंड की निर्माणाधीन टनल में जो मजदूर फंसे हैं उसमें चार या पांच मजदूर बिहार के हैं। बताइए कि उन पर क्या बीत रही होगी। देश में दुर्घटना कहीं भी हो, उसमें मरने वाला बिहार का ही बेटा है। अभी कुछ दिन पहले सूरत में सेप्टिक टैंक साफ करते हुए बिहार के पांच बच्चों की मृत्यु हो गई उनके परिवारों का कौन पूछने वाला है। दुर्घटना देश में कहीं भी हो उसमें मरने वाला, भुगतने वाला बिहार का ही बच्चा है, क्योंकि दो करोड़ से ज्यादा बिहार के लोग आज 10 हजार, 15 हजार रुपए के लिए सबसे कठिन स्थिति में, सबसे डेंजरस काम करते हैं। जो काम कोई नहीं करता वो काम बिहार का आदमी गरीबी में परेशान होकर करता है। कश्मीर में सड़क बनानी है, तो मजदूर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से नहीं जाएगा, कश्मीर में काम करने वाले लोग बिहार से जा रहे हैं। यहां आप और हम ये नहीं सोचते हैं कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश बगल के राज्यों के लोग भला वहां क्यों नहीं जाते क्योंकि लोगों की नजर में खतरा ज्यादा है। बिहार के लोगों को भी मालूम है कि वहां खतरा ज्यादा है, लेकिन इनको अपने बच्चों को खिलाना है, उनका पेट भरना है तो जाते हैं। लेकिन, बिहार के नेता ये नहीं सोचते हैं कि ये 2 करोड़ पलायन करने वाले लोगों की जिंदगी कैसे सुधरेगी। यहां के नेता अभी भी समाज को बांटने में और वोट को बटोरने में लगे हुए हैं।
![](https://www.rohtasdarshan.com/wp-content/uploads/2022/12/Sidheshwar-Public-School-1024x512.jpeg)
मधुबनी के अंधराढाड़ी में पत्रकार से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में लोगों ने नेताओं को देखकर वोट दिया, विचारधारा को देखकर वोट दिया, आंदोलनों को देखकर वोट दिया। किसी से सुधार नहीं हुआ। इसलिए हम एक बार कह रहे हैं कि अपने बच्चों को देखकर वोट दीजिए। यदि आप अपने बच्चों को देखकर वोट देते हैं तो आपको ये याद रहेगा कि यही वो दल हैं, यही वो नेता हैं जिसकी वजह से मेरा बच्चा आज अनपढ़ है, यही वो दल है जिसकी वजह से हमारा बच्चा साल में 11 महीने कहीं बाहर जाकर मजदूरी कर रहा है।
![](https://www.rohtasdarshan.com/wp-content/uploads/2023/02/Verma-1-627x1024.jpeg)