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आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 13 नवंबर 2023 : लखनऊ। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। लेकिन इनमें इंडिया गठबंधन काम नहीं कर रहा है। इन चुनावों के नतीजे गठबंधन के भविष्य की भूमिका जरूर तय कर सकते हैं। लाभ हानि के गणित को देखते हुए यह गठबंधन परवान चढ़ सकता है। राजनीतिक जानकर बताते हैं कि कांग्रेस का पांच चुनावी राज्यों में जैसा प्रदर्शन होगा, उसी के अनुरूप उत्तर प्रदेश में गठबंधन की सीटें तय होंगी। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी। किंतु कांग्रेस ने यहां पर उन्हें एक भी सीट नहीं दी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सपा से बेरुखी का असर भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहती थी, किंतु कांग्रेस ने उसे यहां एक भी सीट नहीं दी। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने यहां 69 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
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जानकार बताते हैं कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पसीना बहा रहे हैं। उनकी पत्नी डिंपल यादव भी मैदान में उतर गई हैं। इसके साथ ही अखिलेश जातीय जनगणना से लेकर आरक्षण मुद्दे पर भाजपा के साथ कांग्रेस को दोषी बता रही है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से अभी सपा के खिलाफ कोई बयान नहीं आया है। इतना ही नहीं राजस्थान में भी सपा पांच सीटों पर कांग्रेस को चुनौती दे रही है। यहां पर रालोद को कांग्रेस ने महज एक सीट ही दी है।
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राजनीतिक विश्लेषक अमोदकांत मिश्रा कहते हैं कि विपक्षी एकता के लिए बने गठबंधन में फूट साफ दिखाई दे रही है। सहयोगी दल विधानसभा चुनाव में अलग अलग लड़ते नजर आ रहे सपा के बाद जदयू ने भी मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतार कर इंडिया गठबंधन के भविष्य पर खतरा पैदा किया है। मिश्रा कहते हैं कि समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और कांग्रेस तीनों ही राष्ट्रीय स्तर पर बने इंडिया गठबंधन में शामिल हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बनाए गए गठबंधन से पहले ही ये पार्टियां आपस में भिड़ रही हैं। अब इससे एक बात तो साफ दिखाई दे रही है कि इनकी एकता और भविष्य पांच राज्यों के चुनाव परिणाम ही तय कर सकते हैं।
एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए बने इंडिया गठबंधन की दरारें बढ़ गई हैं। सभी दल गठबंधन के इतर अकेले चुनाव में जाने का दावा कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी सभी 80 सीटों पर चुनाव की तैयारी में जुटी है। अखिलेश यादव यहां तक कह चुके हैं कि अगर प्रदेश में गठबंधन हुआ तो भी उनकी पार्टी 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। रालोद भी 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है। ऐसे में इनकी एकता का इम्तिहान पांच राज्यों के विधानसभा के रूप में चल रहा है। नतीजे ही इसका भविष्य तय करेंगे।
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