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आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 18 मार्च 2023 : नई दिल्ली : प्राइवेट स्कूलस एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने एक शिष्टमंडल के साथ आज भारत सरकार के एजुकेशन सेक्रेटरी श्री संजय कुमार से शास्त्री भवन दिल्ली स्थित उनके कार्यालय मैं एक खास मुलाकात की । सैयद शमायल अहमद ने देशभर के अंतर्गत निजी विद्यालयों मैं उत्पन्न समस्याओं पर अपनी गहरी चिंता जताते हुए संजय कुमार को उन सभी समस्याओं से अवगत कराया । चर्चा के दौरान कई मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने सीबीएसई के द्वारा लगातार नए नए सर्कुलर जारी कर अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम करने का दिशा निर्देश दिए जाने पर विद्यालय के कार्य में होने वाली कई बाधाओं पर प्रकाश डाला इसी कड़ी में बच्चों की पढ़ाई में होने वाली बाधा को प्रमुख बताया ।
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सैयद शमायल अहमद ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड के द्वारा शिक्षको के प्रशिक्षण कराने का जो प्रावधान रखा गया है इसमें इतना अधिक शुल्क है कि छोटे तबके की विद्यालयो के लिए यह वहन करना कठिन है साथ ही साथ एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने कहा एफीलिएशन में इतना ज्यादा कराया जारहा है कि साधारण विद्यालयों को एफीलिएशन लेने में अधिक कठिनाईयो का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण भारत सरकार के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना कि हर बच्चा विद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके चाहते हुए भी नन एफिलिएटिड विद्यालय सरलता से भागीदारी करने में सक्षम नहीं हो पा रहे । जब तक विद्यालय को मान्यता नहीं मिलेगी तब तक बच्चे उसमें नामांकन करा अपना भविष्य कैसे सुरक्षित कर पाएंगे ।
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साथ ही शमायल अहमद ने शिक्षा सचिव का ध्यान सभी निजी विद्यालय संचालको को ज़बरन विवश कर के उनका विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाने पर भी आकृष्ट करवाया और बताया की पहले सिर्फ बिहार बोर्ड की परीक्षा निजी विद्यालयो में जबरन ली जाती थी परन्तु आज यह आलम है की आय दिन कभी सिपाही भर्ती तो कभी UPSC इत्यादि परीक्षाओ का केंद्र निजी विद्यालयों में जबरन बना दिया जाता है और निजी विद्यालयों में पढने वाले विद्यार्थियों के पठन पाठन को तहस नहस सोची समझी साजिश के तहत किया जाता है । और इस केंद्र के एवज में एक रुपया भी नहीं दिया जाता है और इन्ही परीक्षाओ के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली जाती है ।आखिर निजी विद्यालयों का शोषण कब तक राज्य सरकार करेंगी ।
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उल्लेखनीय है की निजी विद्यालयों के पंजीकरण को ले कर बिहार राज्य के 38 जिलों में ई संबंधन पोर्टल के आड़ में निजी विद्यालय संचालको के आवेदन को रद्द कर के पैसे उगाही के लिए विवश किया जा रहा है इस पर लगाम कसने की आवश्यकता है । इस सम्बन्ध में पुराने निजी विद्यालय जिन्हें पूर्व से संबंधन प्राप्त है उनसे भी ई संबंधन पोर्टल में संबंधन के लिए दुबारा कतार में खड़ा कर देना सरासर अफसरशाही को बढ़ावा देना है । जब एक बार बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों को स्थायी संबंधन दे दिया है तो दुबारा से उसी विषय का संबंधन हेतु ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए मनमानी तरीके से बिहार के पच्चीस हज़ार से भी ज्यादा निजी विद्यालयों को परेशान करने के पीछे एक ही मंशा साफ़ नज़र आ रहा है की निजी विद्यालयों को धन पशु की श्रेणी में मानते हुए धन उगाही करना जिससे सिर्फ और सिर्फ अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा । हम लोगो नें अभी बिहार राज्य में बालू के व्यापार में अफसरशाही का परिणाम देख चुके है अब लगता है की बिहार सरकार के शिक्षा बिभाग के अफसर भी उसी राह पर निकल पड़े है ।
साथ-साथ एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शिक्षा के अधिकार की बकाया राशि जो देश भर के विभिन्न राज्यों की राज्य सरकार निर्गत कराने में असमर्थ है उसे भी जल्द से जल्द निर्गत करने का आग्रह किया । शमायल अहमद ने कहा कि देश भर के सभी निजी विद्यालयों के बच्चों को खेल कूद की तरफ भी रुझान लाने के लिए एसोसिएशन प्रतिबंध है एवं उन्होंने खेल कूद से संबंधित कई तरह का प्रस्ताव भी दिया ।
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