शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के तुगलकी फरमान की वजह से यह विभाग लगातार विवादों में बना हुआ है
राजभवन, बीपीएससी से शिक्षा विभाग का टकराव, तुगलकी फरमान जारी , कम्प्यूटर पढाई की आउटसोर्सिग के लिए नियम-कानून की उड़ी धज्जियां
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 09 सितम्बर 2023 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के तुगलकी फरमान की वजह से यह विभाग लगातार विवादों में बना हुआ है, लेकिन उन्हें नीतीश कुमार का संरक्षण प्राप्त है। सुशील मोदी ने कहा कि कुलपति नियुक्ति के लिए समानान्तर विज्ञापन जारी करने सहित कई मुद्दों पर राजभवन से टकराव के बाद अब यह विभाग बिहार लोकसेवा आयोग ( बीपीएससी) से लेटर-वार में उलझ गया है। उन्होंने कहा कि आयोग के कामकाज में बाधा डाली जा रही है और आपत्ति करने पर उसे विवेकहीन और मूर्खतापूर्ण जैसे शब्दों में जवाब दिया जा रहा है। इस जंग से 1.70 लाख शिक्षकों नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
सुशील मोदी ने कहा कि सरकारी आयोग और शिक्षा विभाग के बीच लड़ाई घटिया स्तर पर उतरने से बिहार की बदनामी हो रही है । उन्होंने कहा कि के के पाठक की कार्यशैली विवाद कर सुर्खियों में बने रहने की है, इसलिए वे किसी विभाग में टिक नहीं पाए। सुशील मोदी ने कहा कि स्कूल के समय कोचिंग संस्थानों को बंद रखने और सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर की पढाई के लिए आउटसोर्सिग करने का आदेश भी शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान हैं, जिसमें किसी नियम-कानून का ध्यान नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में अच्छी पढाई तो सुनिश्चित नहीं कर पाया, लेकिन बेहतर शिक्षा के लिए कोचिंग का सहारा भी छात्रों से छीन लेना चाहता है।
सुशील मोदी ने कहा कि कम्प्यूटर शिक्षा के लिए आउटसोर्सिग करने में न कोई विज्ञापन निकाला गया और न आरक्षण नियमों का पालन किया गया। इस मनमाने फैसले से असंतुष्ट शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार की शिक्षा के व्यापक हित में फैसला करें और एक अधिकारी के तबादले को निजी प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनायें।