आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 24 अक्टूबर 2022 : इंग्लैंड : लिज ट्रस के इस्तीफा के बाद कंजरवेटिव पार्टी अपने नए नेता की तलाश शुरू कर दिया था। तीन लोग इस दौड़ में थे जिसमें सुनक सबसे आगे थे। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के पीछे हटने के बाद उनके पीएम बनने का रास्ता साफ हो गया।
ऋषि सुनक कंजरवेटिव पार्टी के नेता चुन लिए गए हैं। इस इलेक्शन के साथ ही वह ब्रिटेन के अगले पीएम बन जाएंगे। लिज ट्रस के इस्तीफा के बाद कंजरवेटिव पार्टी ने नए नेता का चुनाव किया इसमें ऋषि सुनक ने जीत हासिल की है। दरअसल, नए पीएम पद की रेस में पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन, ऋषि सुनक और पेनी मोर्डंट मैदान में थे। लेकिन दो के पीछे हटने के बाद ऋषि सुनक की राह आसान हो गई और वह निर्विरोध नेता चुन लिए गए। ऋषि सुनक, इंग्लैंड के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री हैं। यूके के इतिहास में पहला हिंदू प्रधानमंत्री अब कंजरवेटिव पार्टी का लीडर होगा। 42 वर्षीय पूर्व चांसलर को इस बार 357 टोरी सांसदों में आधा से अधिक का समर्थन प्राप्त था।
केवल ऋषि सुनक ने ही किया था नामांकन
भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी के लीडर के लिए नामांकन किया था। उनके अलावा आवश्यक 100 सांसदों का समर्थन किसी दूसरे प्रत्याशी के पास नहीं था। एक दिन पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मैदान से हटने का ऐलान किया था। जबकि पेनी मोर्डंट ने नामांकन खत्म होने के कुछ देर पहले दावेदारी छोड़ दी। प्रभावशाली 1922 बैकबेंच सांसदों की समिति के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी ने संसद परिसर में घोषणा की कि उन्हें केवल एक नामांकन प्राप्त हुआ था और इसलिए सुनक लीडरशिप के लिए निर्विरोध चुन लिए गए हैं। अब किंग चार्ल्स III ब्रिटेन के नए पीएम का औपचारिक ऐलान करेंगे। शपथ ग्रहण के बाद सुनक अपने मंत्रीमंडल के नामों की घोषणा 10 डाउनिंग स्ट्रीट में करेंगे। इसके बाद वह देश के नाम अपना संबोधन देंगे। अभी शपथ ग्रहण की समय सीमा तय नहीं की गई है।
जॉनसन के खास सांसदों ने छोड़ दिया था साथ
दरअसल, ऋषि सुनक के दावेदारी के साथ ही पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन और हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता पेनी मोर्डंट भी पीएम पद के लिए अपना दावा किए थे। ऋषि सुनक के पास 100 से अधिक सांसदों का समर्थन प्राप्त था लेकिन बोरिस जॉनसन यह आवश्यक संख्या जुटाने में असफल साबित हुए। उनके खास प्रभावशाली सांसदों ने भी साथ छोड़ना शुरू कर दिया था। पूर्व मंत्री प्रीति पटेल, सुएला ब्रेवरमैन, जेम्स क्लीवरली और नादिम ज़ाहवी आदि ने ऐन वक्त पर जॉनसन के प्रति अपनी निष्ठा बदल दी।
45 दिन में ही इस्तीफा दे दी थीं लिज ट्रस
तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के विरोध और पार्टीगेट में फंसने के बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद जॉनसन खेमे की लिज ट्रस ने ऋषि सुनक को हराकर कंजरवेटिव पार्टी का नेता पद का चुनाव जीत लिया। उनको महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री बनाने का ऐलान किया। पीएम बनने के बाद लिज ट्रस की आर्थिक नीतियों ने देश को झकझोर दिया था। लिज ट्रस की खराब आर्थिक नीतियों की खूब आलोचना हुई और उनको उसे वापस लेना पड़ा। वित्त मंत्री के इस्तीफा के बाद भी स्थितियों में कोई सुधार नहीं हुआ। कंजरवेटिव पार्टी में ही बिखराव होने लगा। 45 दिनों के कार्यकाल के बाद लिज ट्रस ने पीएम पद के लिए इस्तीफा दे दिया। इसके बाद देश में 17वें प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक ने जीत हासिल कर ली है।