
By Rohtas Darshan Digital Desk | Updated: October 30, 2025 | Mumbai : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की वित्तीय सुरक्षा और स्वर्ण भंडार की स्वायत्तता को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मार्च से सितंबर 2025 के बीच RBI ने विदेशों में रखा अपना 64 टन सोना वापस भारत मंगवा लिया है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर के देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव, प्रतिबंधों और एसेट फ्रीजिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
अब भारत में सुरक्षित है RBI का 575.8 टन सोना
सितंबर 2025 के अंत तक RBI के पास कुल 880.8 टन सोना है, जिसमें से
• 575.8 टन सोना भारत में सुरक्षित रूप से रखा गया है,
• जबकि 290.3 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के पास रखा गया है।
इसके अलावा, 14 टन सोना गोल्ड डिपॉजिट अरेंजमेंट का हिस्सा बना हुआ है।
मार्च 2023 से अब तक RBI कुल 274 टन सोना विदेशों से भारत वापस ला चुका है, जो दशकों में सबसे बड़ा गोल्ड री-पैट्रिएशन ऑपरेशन माना जा रहा है।
क्यों उठाया गया यह कदम?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की सॉवरेन गोल्ड पॉलिसी को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा संकेत है।
वर्तमान में अमेरिका, यूरोप और चीन के बीच बढ़ते जियोपॉलिटिकल टकराव, रूस-यूक्रेन युद्ध, और मध्य-पूर्व संकट जैसे घटनाक्रमों के बीच RBI नहीं चाहता कि देश की संपत्ति किसी विदेशी बैंक के नियंत्रण में रहे।
वित्त विशेषज्ञ अजय बागची कहते हैं — “RBI का यह निर्णय भारत की मौद्रिक स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए एक रणनीतिक कदम है। वैश्विक स्तर पर जब वित्तीय संस्थान भी हथियार बन रहे हैं, तब सोना देश की आर्थिक रक्षा का सबसे मजबूत साधन है।”
सोने-चांदी की कीमतों में उछाल
बुधवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों में हल्की तेजी रही।
• सोना ₹1,19,647 प्रति 10 ग्राम पर खुला और शुरुआती कारोबार में ₹1,20,047 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
• चांदी ₹1,44,761 प्रति किलोग्राम से बढ़कर ₹1,45,331 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.2% बढ़कर $3,957.42 प्रति औंस पर पहुंच गया।
इस वर्ष अब तक सोने के दामों में 52% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, और 20 अक्टूबर को सोना $4,381.21 प्रति औंस के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया।
राजनीतिक एंगल: ‘भारत की आर्थिक स्वायत्तता की दिशा में कदम’
आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम मोदी सरकार की आर्थिक नीति के “भारत आत्मनिर्भर” विज़न का हिस्सा है।
विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार विदेशी दबावों से बचने के लिए सोने को भारत लाकर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। वहीं, सत्ता पक्ष का दावा है कि यह “राष्ट्रीय स्वाभिमान और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक” है।


