बिक्रमगंज, बिहार | R D News Network विशेष रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के बिक्रमगंज की धरती से एक बार फिर राष्ट्र और दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया कि अब भारत बदल चुका है। आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख और सेना के पराक्रम से भरे ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली बिहार यात्रा थी। इस दौरान उन्होंने वीरभूमि बिहार से आतंकवाद के संरक्षकों को चेताते हुए ऐलान किया — “प्रभु श्रीराम की नीति ही अब नए भारत की नीति बन गई है। यह राम का भारत है, जो वचन देता है और उसे निभाकर दिखाता है।”

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रामायण से प्रेरणा लेकर आतंक पर प्रहार

प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने संदेश को भावनात्मक गहराई दी। “प्राण जाए पर वचन न जाए” की भावना को केंद्र में रखते हुए उन्होंने याद दिलाया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जब देश स्तब्ध और शोकग्रस्त था, तब उन्होंने बिहार की भूमि से वचन दिया था कि इसका बदला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “आज मैं उसी धरती पर खड़ा हूं, अपने उस वचन को निभाने के बाद। यह हमारी नीति है — न्याय, संकल्प और सुरक्षा।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ — भारत की सैन्य शक्ति का ऐतिहासिक उदाहरण

प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारतीय सेना और बीएसएफ ने पाकिस्तान की धरती पर बैठे आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है।
“जिन्होंने हमारी बहनों के सिंदूर को उजाड़ा था, उन्हें हमने उनके अड्डों में घुसकर जवाब दिया है। पाकिस्तान के एयरबेस और सैन्य संरचनाएं भी हमारी कार्रवाई से कांप उठीं। यह नया भारत है, जो सहन नहीं करता — सीधे प्रहार करता है।”

उन्होंने आगे कहा, “दुनिया ने देख लिया कि हमारी बेटियों के सिंदूर की रक्षा के लिए हम कहां तक जा सकते हैं। यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह एक राष्ट्र की अस्मिता का जवाब था।”

बिहार — राष्ट्रवाद और बलिदान की धरती

पीएम मोदी ने विशेष रूप से बिहार की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां के सैकड़ों नौजवान अपनी जवानी देश की सेवा में समर्पित करते हैं। बीएसएफ के जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर में जो शौर्य दिखाया, वह अभूतपूर्व है। शहीद इम्तियाज जैसे वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा, “यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। यह युद्ध अभी रुका नहीं है। अभी तो हमारे तरकश से एक ही तीर निकला है।”

उन्होंने कहा कि यदि आतंक का फन फिर निकला, तो भारत उसे बिल से खींचकर कुचलेगा।
“आज का भारत डरता नहीं, टालता नहीं, बल्कि आतंक को खत्म करता है। ये वचन है और यह भी निभाया जाएगा,” उन्होंने दोहराया।

पाकिस्तान को खुली चेतावनी — सीमा के पार भी सुरक्षित नहीं

प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण केवल भावनात्मक या राजनीतिक नहीं था, यह एक कूटनीतिक संदेश भी था। उन्होंने बिना लाग-लपेट के पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब आतंक की फैक्ट्री चलाने वाले कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
“अब भारत सिर्फ रक्षा नहीं करता, निर्णायक कार्यवाही करता है। पाकिस्तान की सेना की छत्रछाया में पनपने वाले आतंकियों को हमारी सेना ने उनके अड्डों में ही ध्वस्त कर दिया है।”

48,520 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास

इस ऐतिहासिक सभा में जहां राष्ट्रीय सुरक्षा और संकल्प का सन्देश दिया गया, वहीं प्रधानमंत्री ने विकास का एजेंडा भी रखा। उन्होंने बिहार में ₹48,520 करोड़ की लागत से बनने वाली कई बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं सड़क, रेलवे, ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में राज्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगी।

राजनीतिक संकेत — नया भारत, नया नेतृत्व

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन 2024 के बाद के भारत की राजनीति की भी झलक देता है — एक ऐसा भारत जो सुरक्षा, गौरव और संकल्प को सर्वोपरि मानता है। उनका यह भाषण केवल एक जनसभा नहीं, बल्कि राष्ट्र के आत्मबल और नेतृत्व की उद्घोषणा थी।


निष्कर्ष

बिक्रमगंज की यह सभा न केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम थी, बल्कि यह उस नए भारत की पहचान थी जो राम की नीति पर चलता है, जो वचन देता है और निभाता भी है, जो अपनी बेटियों के सम्मान की रक्षा के लिए सीमाओं से परे जाकर भी प्रहार करता है।

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