आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 13 जनवरी 2022 : पटना : सम्राट अशोक के मुद्दे पर बिहार एनडीए के घटक दल जेडीयू और बीजेपी के बीच घमासान जारी है. हालांकि, इस घमासान में अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एंट्री मारी है और विवाद को शांत कराने की कोशिश की है।एक ओर उन्होंने सम्राट अशोक पर की गई टिप्पणी को गलत बताया है. वहीं, दूसरी ओर ये भी स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी (BJP) की नजर में सम्राट अशोक का काफी सम्मान है. बीजेपी ने ही पहली बार उनकी जयंती मनाई थी. वहीं, मोदी सरकार ने डाक टिकट जारी किया था।

https://youtu.be/pBmhsXhWq4I

उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ” प्राचीन भारत के यशस्वी सम्राट अशोक का बीजेपी सम्मान करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया था. हमने ही 2015 में पहली बार सम्राट अशोक की 2320वीं जयंती बड़े स्तर पर मनाई और फिर बिहार सरकार ने अप्रैल में उनकी जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की. इस साल 9 अप्रैल को बिहार सरकार ने सम्राट अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश दिया है।

सुमो ने ट्वीट कर कहा, ” सम्राट अशोक पर जिस लेखक (दया प्रकाश सिन्हा) ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, उनका आज न बीजेपी से कोई संबंध है और न उनके बयान को बेवजह तूल देने की जरूरत है. बीजेपी का राष्ट्रीय स्तर पर कोई सांस्कृतिक प्रकोष्ठ नहीं है. हम अहिंसा और बौद्ध धर्म के प्रवर्तक सम्राट अशोक की कोई भी तुलना औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से करने की कड़ी निंदा करते हैं।

बता दें कि इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के उपाध्यक्ष और बीजेपी के कल्चरल सेल के संजोयक दया प्रकाश सिन्हा द्वारा सम्राट अशोक पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. एक लेख में उन्होंने आरोप लगाया था कि अब तक इतिहास और साहित्य में अशोक के उजले पक्ष को ही उजागर किया गया. जबकि, वह एक क्रूर शासक था। इस मुद्दे पर एनडीए घटक BJP और JDU फिर एक बार आमने सामने दिख रही है. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने उन पर तंज कसा है, जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच घमासान मच गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network