आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 25 दिसम्बर 2022 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश सरकार से सात सवालों का जवाब मांगा। 

पहला सवाल –

उत्पाद एवं मद्यनिषेध कानून की धारा-34 के अन्तर्गत जहरीली या नकली शराब बेचने वालों को जब उम्र कैद की सजा का प्रावधान है, तब सरकार बताये कि छह साल में कितने लोगों को ऐसी सजा दिलायी गई?

दूसरा सवाल-

शराबबंदी कानून की धारा-42 के तहत जहरीली शराब बेचने वाले कितने लोगों से मुआवजा वसूला गया? 

 तीसरा सवाल –

शराब पीने के कारण जिन 3.5 लाख लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई, उनमें से कितने लोगों को सरकार सजा दिला पायी और ऐसे मामले में कनविक्शन रेट क्या है?

चौथा सवाल –

हाईकोर्ट के आदेशानुसार सरकार जहरीली शराब पीने वालों का उपचार करने के लिए अब तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर ( एसओपी) क्यों नहीं बना पायी ?

पाँचवाँ सवाल –

शराब बनाने-बेचने और पीने वालों की जानकारी पाने के लिए जो टॉल-फ्री नंबर बिजली के पोल पर लिखवा कर सार्वजनिक किये गए थे, उन पर कितनी शिकायतें मिलीं और क्या कार्रवाई हुई ? 

छठा सवाल –

शराबबंदी लागू करने के बाद राज्य भर में जो नशामुक्ति केंद्र खोले गए थे, उनमें से कितने सक्रिय हैं और ये कितने लोगों को नशे की आदत से मुक्त करा पाए? 

सातवाँ सवाल –

शराबखोरी के खिलाफ जो जागरुकता अभियान शुरू किया गया था, वह बंद क्यों हो गया? 

श्री मोदी ने कहा कि सरकार को ईमानदारी से इन सवालों का जवाब देना चाहिए ताकि शराबबंदी लागू करने में जो गलतियां हुईं, उन्हें सुधारा जा सके। 

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