- उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार बोले- निर्दोष पर कार्रवाई नहीं ,दोषी को छोड़ेंगे नहीं
- बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून में संशोधन संबंधी विधेयक विधानसभा से पारित, शराब पीने वाला को जेल नहीं भरना होगा जुर्माना।
- उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार बोले- निर्दोष पर कार्रवाई नहीं ,दोषी को छोड़ेंगे नहीं।
- उन्होंने सदन में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2022 पेश किया।
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 30 मार्च 2022 : 2 अक्टूबर, 2016 से लागू शराबबंदी कानून में तीसरी बार बड़ा बदलाव किया गया है सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के इस कानून के फलाफल और कोर्ट पर मुकदमों के बढे बोझ को लेकर सख्त टिप्पणी की है। मंत्री ने भी माना कि कोर्ट शराब कानून से संबंधित जमानत के निष्पादन में उलझा है।मुकदमे का निष्पादन नहीं हो पा रहा है।इसी को ध्यान में रखकर संशोधन किया जा रहा है। अब विधान परिषद से भी पारित हो जाने के बाद संशोधित विधेयक को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद कानून के आलोक में बनी नियमावली लागू होगी। कानून के तहत 5 अप्रैल, 2016 से प्रभावी पूर्ण शराब बंदी के कारण पीना,रखना,बेचना,बनाना संज्ञेय अपराध है। कानून के उल्लंघन पर चार लाख से अधिक मुकदमें दर्ज होने के साथ करीब चार लाख व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। शराबबंदी कानून में सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब शराब पीकर पहली बार पकड़े जाने वाले को जेल नहीं जाना पड़ेगा। मजिस्ट्रेट जुर्माना लेकर छोड़ सकेंगे। जुर्माना नहीं देने पर एक माह के लिए जेल जाना पड़ेगा। लेकिन बार-बार शराब पीकर पकड़ाने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। हालांकि अभी जुर्माने की राशि तय नहीं हुई है। संशोधित कानून में और क्या-क्या प्रावधान होंगे इसकी नियमावली बनेगी।