• जगदीशपुर रेफरल अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार की दोपहर युवक ने तोड़ा दम
  • मारपीट करने वाले जवानों पर कार्रवाई की मांग को ले शव को उठाने से रोक
  • एसडीओ और एसडपीओ के नेतृत्व में लोगों को समझाने में जुटा प्रशासन

बोले एसपी: मामले की हो रही जांच, परिजनों के बयान पर होगी प्राथमिकी

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 30 मार्च 2022 : आरा। भोजपुर के जगदीशपुर नगर में वीर कुंवर सिंह के परिवार से जुड़े युवक कुंवर रोहित सिंह उर्फ बबलू सिंह की मौत हो गयी। जगदीशपुर रेफरल अस्पताल में सोमवार दोपहर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मृतक वीर कुंवर सिंह की वंशज सह भाजपा नेत्री पुष्पा सिंह का 30 वर्षीय पुत्र था। परिजन जगदीशपुर किला में तैनात सीआईएटी जवानों की पिटाई से उसकी मौत होने का आरोप लगा रहे हैं। इसकी सूचना मिलने पर आक्रोशित लोगों ने अस्पताल हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस को शव उठाने से भी रोक दिया गया। इस दौरान पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की जा रही थी। परिजन और हंगामा कर रहे लोग मुख्यमंत्री को बुलाने और मारपीट करने वाले जवानों पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज करते हुये गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। मौत और हंगामें की सूचना पर थानाध्क्ष संजीव कुमार पहुंचे, लेकिन लोग उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। जगदीशपुर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन और एसडीओ सीमा कुमारी पहुंची। दोनों अधिकारियों द्वारा लोगो को समझाने पर देर शाम लोगों का गुस्सा शांत हो सका। उसके बाद पोस्टमार्टम के लिये शव सदर अस्पताल भेजा गया। इधर, भोजपुर एसपी विनय तिवारी ने बताया कि किला में तैनात सीआईएटी जवानों पर मारपीट करने का आरोप लगाया जा रहा है। मामले की सीनियर अफसर से जांच करायी जा रही है। मृत युवक के परिजनों के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। हालांकि एसपी ने युवक को हिरासत में लिये जाने और मारपीट किये जाने की बात से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्ट रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा।

परिजन बोले: प्रशासन की कमियां और घोटाले उजागर करने पर की गयी हत्या

आरा। इधर, बब्लू सिंह के परिजन प्रशासन पर एक साजिश के तहत उसकी हत्या कराने का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है बबलू किला के सौंदर्यीकरण सहित अन्य मामलों में जिला प्रशासन की कमियां और घोटालों को जैसे उजागर करता रहता था। इसके कारण साजिश के तहत उसकी हत्या करायी गयी है। स्वजनों ने बताया कि बबलू सिंह के शरीर के कई हिस्सों पर पुलिस की पिटाई के जख्म के निशान हैं। इधर, रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का कहना है कि युवक रविवार की रात में आया था। उसका इलाज डाॅ. दयानंद जी द्वारा किया गया है। उसे उसी समय रेफर भी कर दिया गया था। लेकिन वह गया नहीं। तब तक उसकी पहचान नहीं हो सका था। सोमवार सुबह मौत के बाद स्थानीय लोगों को सूचना दी गयी। तब युवक की पहचान हो सकी। उसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गये और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ भी लोगों में गुस्सा

आरा। बबलू सिंह की मौत के बाद परिजन और लोगों में रेफरल अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ भी काफी गुस्सा दिख रहा था। इसे लेकर लोगों द्वारा अस्पताल के खिलाफ भी नारेबाजी की गयी। दरअसल मौत होने के बाद परिजनों का कहना था कि अस्पताल वाले लिख कर दें कि इसकी मौत अस्पताल में हुई है। लेकिन अस्पताल में कोई मौजूद नहीं है।

घटना के बाद अस्पताल से चले गये प्रभारी सहित सभी जबाबदेह अधिकारी

आरा. घटना के बाद से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित सहित सभी जबाबदेह अधिकारी अस्पताल से चले गये। फोन से बातचीत में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का कहना था कि अस्पताल वाले की गलती भी नहीं रहती है और लोग अस्पताल वाले को निशाना बना ले लेते है। पहले भी ऐसा हुआ है।

भाई का आरोप: सीआईएटी जवानों ने बेहोश होने तक पीटा, फिर अस्पताल में फेंका

आरा। जगदीशपुर में वीर कुंवर सिंह के वंशज कुंवर रोहित सिंह उर्फ बबलू सिंह के मौत के मामले में भाई कुंवर अजय प्रताप सिंह पुलिस के जवानों पर गंभीर आरोप लगाया है। कुंवर अजय कुमार सिंह के अनुसार बबलू को किला में निवास करने वाले एसआईटी के जवानों द्वारा पीट-पीटकर मारा गया और अस्पताल में ले जाकर फेंक दिया गया। कुंवर अजय कुमार सिंह ने इस तरह का बयान इंक्वेस्ट रिपोर्ट के तैयार होने के समय भी पुलिस को दिया है। कहा है कि पुलिस किसी महिला को लेकर के किला में आ रही थी। बबलू ने उसे देख लिया था, तब से ही पुलिस ने उसके पीछे पड़ी थी। उसी कारण
दिया पीट-पीटकर उसको अधमरा कर दिया गया। जब वह मरने की स्थिति में पहुंच गया, तो उसे अस्पताल में ले जाकर फेंक दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए अन्यथा हम सब आगे बढ़ने के लिए बाध्य होंगे

सात घंटा बाद एसडीएम की पहल पर उठा शव

आरा। बबलू का शव सात घंटा बाद एसडीएम सीमा कुमारी की पहल पर रात साढ़े आठ बजे उठा है। जानकारी के अनुसार दोपहर 1 बजे मौत हो गई थी। उसके बाद से ही अस्पताल में शव पड़ा रहा। रात करीब 8 बजे के एसडीएम सीमा कुमारी रेफरल अस्पताल पहुंची। उन्होंने कहा कि सारी मांगों पर न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। तब जाकर डेड बॉडी उठा। बता दें कि मौके पर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन और तीन थानों की पुलिस मौजूद थे। परिजन शव उठाने को लेकर मुख्यमंत्री को बुलाने पर पड़े थे।

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