पीएफआई के सहयोगी संगठन जैसे रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट को भी बैन करने का फैसला

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 सितम्बर 2022 : दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई की गई है. पीएफआई पर पांच साल का बैन लगा दिया गया है. इससे जुड़े कई और संगठनों पर भी बैन लगाया है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर गृह मंत्रालय ने पांच साल का बैन लगा दिया है. इसके सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी लेटर में लिखा है कि ये संगठन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर पीएफआई की मदद करते थे. इसमें से कई संगठन ऐसे हैं जोकि फंडिंग किया करते हैं. पीएफआई के सहयोगी संगठन जैसे रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट को भी बैन करने का  फैसला लिया गया है.

पीएफआई को लेकर काफी दिनों से पूरे देश में छापेमारी चल रही थी. छापेमारी के दौरान कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं. अब गृह मंत्रालय ने  इसे पांच साल तक के लिए बैन कर दिया है. एक दिन पहले पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई हुई थी. एजेंसी की 9 राज्यों में हुई कार्रवाई में कम से कम 247 लोग गिरफ्तार हुए हैं. उत्तर प्रदेश से 44 गिरफ्तारियां हुई हैं. कर्नाटक से 72, असम में 20, दिल्ली में 32, महाराष्ट्र में 43, गुजरात में 15, मध्य प्रदेश में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसियों को मिले सबूतों के आधार पर ये कार्रवाई की गई.

मंगलवार को फिर हुई छापेमारी

छापेमारी की कार्रवाई, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश की पुलिस ने की. गौरतलब है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसी की टीम ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में 22 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी. उसके 106 नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. एनआईए, पीएफआई की संलिप्तता वाले 19 मामलों की जांच कर रही है. संबंधित राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई की, जो समन्वित कार्रवाई प्रतीत होती है. अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने असम और महाराष्ट्र, प्रत्येक राज्य में 25 लोगों को गिरफ्तार किया. उत्तर प्रदेश में 57 और दिल्ली में 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

हिरासत में लिए गए PFI से जुड़े लोग

मध्य प्रदेश में 21, गुजरात में 10 और पुणे(महाराष्ट्र) में छह लोगों को हिरासत में लिया गया. इसके अलावा, कर्नाटक में भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पीएफआई एवं उसके अनुषांगिक संगठनों द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर की गयी हिंसा एवं उक्त संगठन के सदस्यों की बढ़ती हुई राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के मद्देनजर जनपदीय पुलिस, विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के संयुक्त दलों ने छापेमारी की.

यूपी में हुई कार्रवाई

प्रशांत कुमार ने बताया कि दलों ने 26 जिलों में एक साथ पीएफआई के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें कुल 57 लोग हिरासत में लिये गये. कुमार ने बताया कि इस कार्रवाई के बाद मौके से बरामद विभिन्न प्रकार के अभिलेखों एवं साक्ष्यों का संयुक्त रूप से विश्लेषण किया जा रहा है. कुमार ने बताया कि उपलब्ध अभिलेखों एवं साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

2006 में हुआ था पीएफआई का गठन

पीएफआई का गठन 2006 में किया गया था और वह भारत में हाशिये पर मौजूद वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है. हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसी का दावा है कि पीएफआई कट्टर इस्लाम का प्रसार कर रहा है. इस संगठन का गठन केरल में किया गया था और इसका मुख्यालय दिल्ली में है.

पहले से ही थी बैन की संभावना

पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के बाद उस पर देशभर में प्रतिबंध लगने की संभावना पहले से ही थी. 

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