मुख्यमंत्री बतायें जेल मैन्युयल को शिथिल करने का आधार, जघन्य मामलों में सजायफ्ता बंदियों की रिहाई असंवैधानिक 

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 25 अप्रैल 2023 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व सांसद आनंद मोहन के बहाने अन्य 26 ऐसे दुर्दांत अपराधियों को भी रिहा करने का फैसला किया, जो एम-वाई समीकरण में फिट बैठते हैं और जिनके बाहुबल का दुरुपयोग  चुनावों में किया जा सकता है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गंभीर मामलों में दोषसिद्ध अपराधियों की रिहाई का फैसला असंवैधानिक और अनाश्यक है। उन्होंने कहा कि 2016 में नीतीश सरकार ने ही जेल मैन्युअल में संशोधन कर बलात्कर, आतंकी घटना में हत्या, बलात्कार के दौरान हत्या और ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारी की हत्या को ऐसे जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा था, जिसमें कोई छूट या नरमी नहीं दी जाएगी।  उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जवाब दें कि अब किस आधार पर सरकार अपने ही संशोधित कानून को शिथिल कर रही है?

  श्री मोदी ने कहा कि ऐसी  क्या मजबूरी है कि एससी-एसटी समुदाय के सरकारी अधिकारी की हत्या के मामले में सजायाफ्ता बंदी को भी रिहा किया जा रहा है? 

उन्होंने कहा कि जी कृष्णैया की हत्या और आनंद मोहन के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के समय लालू प्रसाद ने पूर्व सांसद की कोई मदद नहीं की थी। ट्रायल शुरू होने पर यही ठंडा रवैया नीतीश कुमार का रहा। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज आनंद मोहन के बहाने सरकार मानवीय होने का मुखौटा लगा कर जिन 27 अपराधियों को छोड़ने जा रही है, उनमें 7 ऐसे हैं, जिन्हें हर महीने स्थानीय थाने में अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी। 

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