- सड़क हादसे में जब मुआवजा मिलता है, तब शराबकांड के पीड़ितों को क्यों नहीं मिले ?
- जो कहते थे “एक पाव पीने में कोई बुराई नहीं”, वे मृतकों के परिवारों से मिलने भी नहीं गए
- बाहर से शराब आने को रोकने में सरकार विफल
- झारखंड, बंगाल से आने वाली शराब क्या गंगा जल है नीतीश जी ?
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 17 दिसम्बर 2022 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के तीन जिलों में जहरीली शराब पीने से जिन 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, उनमें अधिकतर दलित,आदिवासी, गरीब और पिछड़े समाज के लोग हैं, लेकिन जीतन राम मांझी , भाकपा (माले) और माकपा जैसे दलों ने सत्ता में बने रहने के लिए गहरी चुप्पी साध ली। जहरीली शराब ने इनकी आत्मा को भी मार डाला।
श्री मोदी ने कहा कि जो मांझी शराबबंदी के विरुद्ध रोज बयान देते थे और कहते थे कि पाव भर शराब पीने में कोई बुराई नहीं, वे जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार को सान्त्वना देने तक नहीं गए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मरने वालों के प्रति संवेदना प्रकट करना तो दूर, उनके परिवारों के प्रति भी कठोरता दिखायी। श्री मोदी कहा कि अगर “जो पीयेगा, वह मरेगा” , तो क्या “जो पलटी मारेगा, वही राज करेगा?” मुख्यमंत्री जी , इतने संवेदनहीन मत बनिए ! उन्होंने कहा कि जब सड़क दुर्घटना में मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा मिलता है, तब जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार को इससे वंचित क्यों किया जा रहा है? श्री मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार शराब का उत्पादन, तस्करी और बिक्री तो रोक नहीं पा रही है, लेकिन भाजपा शासित राज्यों पर अनर्गल दोषारोपण कर रही है। उन्होंने कहा कि क्या यूपीए शासित झारखंड और टीएमसी शासन वाले पश्चिम बंगाल से आने वाली शराब गंगा जल है ? श्री मोदी ने कहा कि जहरीली शराब से सैकड़ों गरीब परिवार तबाह हो गए, जबकि पूरा महागठबंधन इस मुद्दे पर केवल राजनीति कर रहा है।