आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 22 अप्रैल 2023 : पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी कानून के तहत अभी तक गिरफ्तार सभी 8.35 लाख लोगों पर से मुकदमें वापस लेने पर जोर देते हुए सरकार से कई सवाल पूछे। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ये लाखों लोग हत्या, अपहरण, बलात्कार, बैंक लूट या ट्रेन डकैती जैसे किसी गंभीर अपराध में नहीं पकड़े गए हैं कि इन्हें माफ कर सुधरने का कोई मौका नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा कि केवल शराब पीने के कारण इतनी बड़ी संख्या में जो लोग बिहार में गुनहगार हैं, वे दूसरे राज्यों में होते, तो अपराधी के श्रेणी में नहीं आते। 

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत केवल ऐसे गरीबों को जेल में डाला जा रहा है, जो 2000 हजार रुपये जुर्माना नहीं दे सकते। अमीर लोग आसानी से छूट जाते हैं। सुशील कुमार मोदी ने सरकार से पूछा 

1- कि जब 6  साल के दौरान शराबबंदी कानून में तीन बार संशोधन किया जा सकता है, तो एक बार आम माफी क्यों नहीं दी जा सकती ? 

2- शराबबंदी से जुड़े 4.58 लाख मुकदमों का अभी तक निष्पादन क्यों नहीं हुआ? 

3- शराब पीने के कारण जो 6.06 लाख लोग गिरफ्तार हुए, उन्हें सजा क्यों नहीं हो पायी? 

4 –  शराब पीते पकड़े गए लोगों को गंभीर अपराधियों से अलग रखने के लिए डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं बनाये गए? 

5- शराब से जुडे मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए विशेष अदालतों के भवन आज तक क्यों नहीं बनें? 

6- ज़हरीली शराब पीने से मौत की 30 से ज्यादा घटनाएँ हुईं, लेकिन एक भी शराब माफिया को सजा क्यों नहीं हुई? 

7- शराबबंदी कानून के तहत अभी तक गिरफ्तार 8.35 लोगों में दलित, आदिवासी और पिछड़ा समुदाय के लोगों की संख्या कितनी है? 

8- पासी समाज के लाखों लोगों के पुनर्वास की योजना क्यों विफल हुई? 

9- नीरा उद्योग के प्रोत्साहन का वादा पूरा क्यों नहीं हुआ? 

10-शराबबंदी के बाद राज्य में भांग, अफीम, गांजा जैसे मादक पदार्थों का सेवन क्यों बढ़ा?

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