आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 21 दिसम्बर 2022 : पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को मुआवजे का प्रावधान है, लेकिन यह सीधे सरकार की ओर से नहीं है। उन्होंने कहा- यदि आप अधिनियम को देखते हैं, तो रूल बुक में सीधे मुआवजे का उल्लेख नहीं है। जहरीली शराब कांड के मामले में राज्य सरकार पहले नकली शराब बेचने वाले आरोपी से पैसे की वसूली करती है और फिर पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देती है।

नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा छपरा जहरीली शराब कांड की जांच पर भी सवालिया निशान लगा दिया। सीएम ने कहा- बिहार में अन्य राज्यों की तुलना में शराब से होने वाली मौतों की संख्या कम है, लेकिन एनएचआरसी जांच के लिए छपरा आया। यह अन्य राज्यों में क्यों नहीं जाता? मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वह छपरा में क्या पाएंगे। हम पहले से ही इस घटना की जांच कर रहे हैं।

उन्होंने कहा- इस घटना को लेकर विपक्षी नेता बेवजह हंगामा कर रहे हैं। अप्रैल 2016 में जब बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा तो बीजेपी ने इसका समर्थन किया। यह जांच का विषय है कि वह इसमें शामिल हैं या नहीं। करीब चार महीने पहले जब भाजपा हमारे साथ सत्ता में थी, तब बिहार में शराब कांड हुआ था, लेकिन तब उन्होंने इसका विरोध नहीं किया था।

नीतीश कुमार ने पूछा- अगर कोई इस तरह गंदी और नकली शराब पीता है, तो वह मर जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए इसका अधिक से अधिक विज्ञापन किया जाना चाहिए कि शराब अच्छी चीज नहीं है। देश के दूसरे राज्यों में भी जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं, एनएचआरसी सिर्फ बिहार में ही क्यों जांच कर रहा है?

इस बीच डीजी मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में एनएचआरसी की दूसरी टीम बुधवार को पटना पहुंची। टीम ने दानापुर थाना क्षेत्र के आसोपुर गांव समेत पटना के कुछ इलाकों का दौरा किया। सूत्रों ने बताया है कि यहां सड़क पर खुलेआम शराब बिकती है। एनएचआरसी की टीम जहरीली शराब त्रासदी में इलाज के बाद बचे लोगों से मिलने के लिए सारण और सीवान भी गई थी।

राज्य भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा, नीतीश कुमार सारण शराब त्रासदी में हुई मौतों की वास्तविक संख्या को छिपा रहे हैं। इसलिए, एनएचआरसी जांच के लिए यहां आया। वास्तविक मौतें 100 से अधिक हैं। उधर, सारण के सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि जहरीली शराब से जिले में 42 लोगों की मौत हुई है। 34 शवों का पोस्टमार्टम छपरा सदर अस्पताल में किया गया, जबकि 8 शवों का पीएमसीएच पटना में पोस्टमार्टम किया गया।

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