
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 26 मई 2023 : सासाराम : लैगिंक उत्पीड़ित महिलाओं को न्याय के लिए आंतरिक शिकायत समिति का गठन हुआ. इसको लेकर शुक्रवार को समाहरणालय परिसर स्थित डीआरडीए भवन के सभागार में अपर समाहर्ता सह अपर जिला दंडाधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई. इस दौरान जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस कुमारी रश्मि ने बताया कि आंतरिक शिकायत समिति अधिनियम के प्रावधानों के कामकाज में और आंतरिक शिकायत समिति नीति के अपने उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस प्रकार, आंतरिक शिकायत समिति का कई मुख्य कार्य है. इसमें यौन उत्पीड़न की रोकथाम से संबंधित आंतरिक शिकायत समिति नीति का कार्यान्वयन. आंतरिक शिकायत समिति नीति के दिशा-निर्देशों के आधार पर पीड़ित द्वारा शिकायतों का समाधान करना. नियोक्ता द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की सिफारिश करना.

उन्होंने बताया कि धारा 11(3) के अनुसार आंतरिक शिकायत समिति को सिविल कोर्ट की तरह ही शक्तियां प्राप्त हैं और इसलिए आंतरिक शिकायत समिति नीति के अनुसार कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच शुरू करने का अधिकार है. आईसी के पास गवाहों और पार्टियों को राज्य समिति को बुलाने की शक्ति है. वहीं सामान्य प्रशासन विभाग बिहार पटना के अधिसूचना के आलोक में अर्द्धसरकारी/ गैरसरकारी/ निगम/निकाय/विश्व विद्यालय एवं अन्य काय स्थल जहां एवं अन्य काय स्थल जहां पर 10 से कम कर्मचारी कार्यरत हैं, वहॉ लैंगिक उत्पीड़न रोकने के के लिए जिला परिषद अध्यक्ष पूनम भारती की अध्यक्षता में स्थानीय आंतरिक शिकायत समिति गठित हुई. जिसके रश्मि रंजन, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आइसीडीएस सासाराम-पदेन सदस्य मो0-9431005022 तथा सुषमा कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सासाराम मो0-9431005112, आफरिन तरन्नुम, केन्द्र प्रशासक वन स्टॉफ सेंटर, सासाराम मो0-97771468026, भानु प्रताप सिंह, अंशकालीन अधिवक्ता सदस्य मो-9471966233 हैं. वहीं स्थानीय शिकायत समिति के साथ-साथ ऐसे कार्य स्थल जहां कर्मियों की संख्या-10 से कम है, वहां आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया. समाहरणालय में लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए नेहा कुमारी, वरीय उप समाहत्ता मो0-7903153836 की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया. जिसके सदस्य रश्मि कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी शिवसागर मो0 9431005112 तथा आफरिन तरन्नुम, केन्द्र प्रशासक वन स्टॉफ सेंटर सासाराम मो0-97771468026, नैंसी श्रीवास्तव, लिपिक, जिला अधीक्षक कार्यालय सासाराम और अशोक कुमार सिंह, अंशकालीन अधिवक्ता सदस्य मो-9934956501 हैं.

वहीं उपरोक्त दोनों समितियों पर एक तय समय सीमा के अन्दर पिड़िता को न्याय दिलाने के लिए जिम्मेवारियां सौंपी गई. समिति दीवानी, श्रमिक और प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत शिकायत की सुनवाई करेगी और इसे निपटाएगी. शिकायतकर्ता के अनुरोध पर दोनों पक्षों के बीच समझौता-सुलह करवाने के लिए कदम उठाएगी समझौता-सुलह न होने पर जांच की शुरूआत करेगी. शिकायत की सुनवाई के दौरान मामले की जांच के लिए गवाहों का बुला सकती है, दस्तावेजों को पेश करने के दस्तावेजों को पेश करने के लिए कह सकती है. इसी तरह वह पिडि़ता और प्रतिवादी को सुनवाई में मौजूद रहने के लिए कह सकती है. शिकायत की जांच 90 दिनों के अंदर पूरी होनी चाहिए. समिति जांच प्रक्रिया खत्म होने के बाद 10 दिन के अंदर इसकी निश्कर्ष रिर्पोट नियोक्ता (मालिक) या जिलाधिकारी के पास जमा कराएगी. नियोक्ता (मालिक) या जिलाधिकारी को मामले में अभियुक्त के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए सलाह देगी. समिति जिलाधिकारी के पास वार्षिक रिर्पोट जमा करेगी, जिससे यौन उत्पीड़न के केस की संख्या, निपटाए गए. मामलों की संख्या, जिन्हे अभी निपटाना है ऐसे मामलों की संख्या, यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए चलाई गई कार्यशालाओं की संख्या का जिक्र होगा. साथ हीं इसमें किसी भी मामले में नियोक्ता (मालिक) या जिलाधिकारी की किसी कार्रवाई का उल्लेख किया जाना चाहिए.
