आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 06 जून 2023 : नई दिल्ली । कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर ओडिशा में बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और इसे चर्चा में बने रहने के प्रयास अलावा कुछ नहीं बताया। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच की घोषणा की गई है। यह कुछ और नहीं बल्कि चर्चा में बने रहने का प्रयास है।
उन्होंने पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना, जिसमें 150 लोग थे, की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के सरकार के फैसले का हवाला देते हुए कहा, 20 नवंबर, 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास पटरी से उतरी। 150 से अधिक लोगों की जान चली गई। 23 जनवरी, 2017 को तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस दुर्घटना की एनआईए जांच की मांग की। 24 फरवरी, 2017 को प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) कानपुर में कहते हैं ट्रेन दुर्घटना एक साजिश है। 21 अक्टूबर, 2018 को, समाचार पत्रों की रिपोर्ट है कि एनआईए ट्रेन के पटरी से उतरने के मामले में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी। आज तक एनआईए की अंतिम रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक खबर नहीं है।
गौरतलब है कि 275 यात्रियों की मौत के कारण हुई बालासोर ट्रेन दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के लिए सरकार कांग्रेस सहित विपक्ष के निशाने पर है। सोमवार को, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि प्रारंभिक जांच से मिले संकेतों से यह प्रणाली में जानबूझकर हस्तक्षेप का मामला प्रतीत होता है, इसलिए सीबीआई जैसी पेशेवर एजेंसी द्वारा जांच की आवश्यकता है।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार की भीषण दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वैष्णव ने यह भी कहा कि दुर्घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुई।
कांग्रेस ओडिशा के बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए भयानक ट्रेन हादसे के लिए वैष्णव के इस्तीफे की मांग कर रही है।