आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 17 दिसम्बर 2022 : बिहार में जहरीली शराब के पीने से हुई मौत पर नीतीश सरकार बिहार में शराबबंदी लागू करने में पूरी तरह से असफल है। सरकार की नाकामी के कारण शराबबंदी ने पुलिस-प्रशासन के लोगों को 10 हजार करोड़ की अवैध कमाई करने और चकाचौंध को खुली छूट दी है। क्या इन बातों की समीक्षा नहीं होनी चाहिए? जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है। राज्य सरकार के वास्तविक आंकड़े छिपे हुए हैं भाजपा नेता अजय यादव, संतोष पटेल,शशिभूषण प्रसाद एवं पूर्व विधायक ई. सत्यनारायण यादव ने कहा कि मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है, इसलिए लोग दूसरी जगह जाकर अन्त्येष्टियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शराब पीने वालों पर परिवार का कोई जोर नहीं चलता। जहरीली शराब से मौत होने पर मुसीबतें परिवार पर टूटती हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कहा कि नीतीश कुमार गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी हो गए हैं। उन्हें मुआवजे को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए।नेताओं ने कहा की जहरीली शराब से हुई मौत,मौत नहीं बल्कि नीतीश सरकार द्वारा की गयी हत्या हैअतः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हत्या का एफ.आई.आर.दर्ज होना चाहिए।

जहरीली शराब से छपरा के लोगों की मृत्यु और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के “जो पियेगा वो मरेगा” जैसे असंवेदनशील बयान के खिलाफ भाजपा, रोहतास द्वारा किये गये प्रदर्शन में मुख्यतः प्रदेश मंत्री अजय यादव,वरीय उपाध्यक्ष संतोष पटेल,पूर्व विधायक ई.सत्यनारायण यादव,जिलामहामंत्री शशिभूषण प्रसाद, विजय सिंह,राजेन्द्र सिंह”भोला”,सुधीर सिंह, विवेक सिह,परमहंस सिंह, जिलाप्रवक्ता मंगलानंद पाठक, अशोक साह,जिलामीडिया प्रभारी प्रिंसराज,नगर अध्यक्ष शिवनाथ चौधरी,सत्यनारायण पासवान, श्रीमतीभगमानो देवी,पूनमसिंह, गीता पांडेय, रामायण पासवान, नवीन चंद साह,पंकज सिंह, सरताजहुसैन, अजय भारद्वाज, अभिषेक तिवारी, कमलेश सिन्हा,सन्नी चौरसिया,गोलू मिश्रा, रॉबिन केसरी,विकास तिवारी, गुप्तेश्वर गुप्ता,विनोद सिंह, सतीश कु.सिंह गुड्डू,शशीभूषण रॉय,कुश पांडेय, कनकधीर उपाध्याय, विजय कुशवाहा,संजय सिंह,अरुण कांस्यकार,मुन्ना शर्मा आदि शामिल थे।

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