पीएम नरेन्द्र मोदी और सीजेआई की पहली पसंद से बने नये सीबीआई डायरेक्टर।

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 14 मई 2023 : नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी और सीजेआई की पहली पसंद से बने नये सीबीआई डायरेक्टर। कर्नाटक के मौजूदा पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद को केंद्रीय जांच ब्यूरो का अगला निदेशक नियुक्त किया गया है. सूद 25 मई को वर्तमान सीबीआई प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कार्यभार संभालेंगे. डीजीपी सूद 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
पीएम मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए बनी है। दिल्ली में शनिवार की हुई समिति की बैठक हुई। इसने बहुमत से कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को सीबीआई का अगला निदेशक नियुक्त करने का फैसला किया। जबकि लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को सूद के नाम पर आपत्ति थी।
निदेशक के संभावितों की सूची में सूद ही सबसे वरिष्ठ थे। इसी आधार पर पीएम और सीजेआई ने उन्हें देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी की कमान सौंपने पर सहमति दी। चौधरी ने बड़े विस्तार से सूद की उम्मीदवारी के खिलाफ दलीलें रखीं। मुख्यत: उनका ऐतराज इस बात से था कि सूद आईपीएस अधिकारियों के उस पूल का हिस्सा नहीं थे जो केंद्र में डीजीपी लेवल पर सेवा के योग्य हों। फिर भी पीएम और सीजेआई की राय एक होने से सूद की दावेदारी बेहद मजबूत हो गई। रविवार दोपहर उनकी नियुक्ति का ऐलान कर दिया गया।

प्रवीण सूद को मिला दो साल का फिक्स्ड-टर्म
सीबीआई की कमान अभी सुबोध कुमार जायसवाल के हाथ में है। उनका दो साल का कार्यकाल इसी महीने 25 तारीख को खत्म हो रहा है। उनके बाद रेस में सबसे सीनियर सूद ही हैं। उनके रिटायरमेंट की तारीख 31 मई, 2024 है। उन्हें सीबीआई डायरेक्टर बनाने जाने के बाद उनका कार्यकाल मई 2025 तक फिक्स किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, दो अन्य योग्य 1986 बैच के अधिकारियों में सीआईएसएफ प्रमुख शीलवर्धन सिंह का नाम है जो अगस्त में रिटायर हो रहे हैं। वहीं, एनएसजी प्रमुख एमए गणपति को मार्च 2024 में रिटायर होना है। गणपति के पास सीबीआई में काम करने का अनुभव भी है। इसके बावजूद पैनल में बहुमत का रुझाव सूद के पक्ष में दिखा। सूद ने पहले कभी सीबीआई के साथ काम नहीं किया है।

दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट और CVC एक्ट में बदलाव के बाद, तकनीकी तौर पर सुबोध को भी एक्सटेंशन दिया जा सकता था। इन संशोधनों के जरिए सीबीआई और इडी के प्रमुखों का अधिकतम कार्यकाल पांच साल का कर दिया गया था। इसमें दो साल का फिक्स्ड टर्म शामिल है जिसे जनहित में तीन साल और बढ़ाया जा सकता है, एक-एक साल करके।
साल 1964 में हिमाचल प्रदेश में जन्मे प्रवीण सूद ने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इसके अलावा वह आईआईएम बैंगलोर और न्यूयार्क की सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी के अल्युमिनाई भी हैं. प्रवीण सूद का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ था लेकिन वह पले-बढ़े दिल्ली में हैं. उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली के एक सरकारी ऑफिस में क्लर्क थे. जबकि मां कमलेश सूद एक सरकारी स्कूल में टीचर थीं. प्रवीण सूद ने पुलिस सेवा में अपने करियर की शुरुआत मैसूर के एएसपी के पद से की थी.
