
आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 28 मार्च 2023 : प्रयागराज : प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने आज साल 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. अदालत ने तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह रकम उमेश पाल के परिजन को दी जाएगी.अतीक अहमद को जून 2019 में साबरमती जेल भेजा गया था

कोर्ट ने अतीक अहमद के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था. सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी. कचहरी परिसर में मौजूद वकीलों ने दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की. उमेश पाल अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा के बाद माफिया अतीक अहमद ने जज से कहा कि मुझे यहां नहीं रहना है. मुझे साबरमती जेल वापस भेजा जाए. करीब 17 साल पुराने मामले में एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी मंगलवार को दोष मुक्त करार दिए गए हैं। माफिया अतीक पर आज से 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से अब तक उसके ऊपर सौ से अधिक मामले दर्ज हुए, लेकिन पहली बार किसी किसी मामले में दोषी करार दिया गया

घटना 2006 की है। इसे लेकर मुकदमा 2007 में दर्ज हुआ। लेकिन, कहानी 2005 से शुरू होती। दरअसल 25 जनवरी 2005 का दिन इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल पर जानलेवा हमला हुआ। शहर के पुराने इलाकों में शुमार सुलेमसराय में बदमाशों ने राजू पाल की गाड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी थी। सैकड़ों राउंड फायरिंग से गाड़ी में सवार लोगों का पूरा शरीर छलनी हो गया।मे में उसे दोषी बदमाशों ने फायरिंग रोकी तो समर्थक राजू पाल को एक टैंपो में लेकर अस्पताल ले जाने लगे। हमलावरों ने ये देखा तो उन्हें लगा राजू जिंदा हैं। तुरंत हमलावरों ने अपनी गाड़ी टैंपो के पीछे लगा ली और फिर फायरिंग शुरू कर दी। करीब पांच किलोमीटर तक वह टैंपो का पीछा करते गए। जबतक राजू पाल अस्पताल पहुंचे, उन्हें 19 गोलियां लग चुकी थीं। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दस दिन पहले ही राजू की शादी पूजा पाल से हुई थी। राजू पाल के दोस्त उमेश पाल इस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे।
