आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 30 अगस्त 2022: दिल्ली : भारत के नये चीफ जस्टिस (सीजेआई) के रूप में जस्टिस यूयू ललित के पदभार संभालने के साथ, सुप्रीम कोर्ट में बड़ा बदलाव हाेने जा रहा है। सीजेआई के तौर पर सोमवार को अपने पहले कार्य दिवस पर सीजेआई ललित ने कहा कि अत्यावश्यक मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए 1 सितंबर तक नयी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। उन्होंने वकीलों से यह भी कहा कि वे अपने मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष मेंशनिंग (उल्लेख) करें, न कि सीजेआई के अदालत कक्ष में।
सीजेआई ने कहा, ‘हमारे पास बृहस्पतिवार तक एक नया तंत्र होगा। तब तक, हम इसे चैंबर में देखेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो हम इसे सूचीबद्ध करेंगे। मामले की मेंशनिंग के लिए, हम रजिस्ट्रार के सामने उल्लेख करने की मूल प्रथा पर वापस जाएंगे।’
सीजेआई की यह टिप्पणी उस वक्त आई, जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष मामलों का उल्लेख करने के तंत्र के बारे में जानना चाहा। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जैसे ही आज की कार्यवाही शुरू की, मेहता ने न्यायमूर्ति ललित का स्वागत किया और उन्हें सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन मिलने का आश्वासन दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने भी पूरे बार की ओर से सीजेआई को शुभकामनाएं दीं।
शीर्ष अदालत के समक्ष सोमवार को 60 जनहित याचिकाओं सहित 900 याचिकाएं सूचीबद्ध की गयी थीं। जस्टिस एस. रवींद्र भट के साथ पीठ की अध्यक्षता कर रहे सीजेआई ललित ने दोपहर एक बजे तक 62 याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें से 10 जनहित याचिकाएं थीं। जस्टिस ललित ने शनिवार को भारत के 49वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। बतौर सीजेआई, उनका कार्यकाल महज 74 दिनों का ही होगा और 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वह 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।