आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 03 मई 2022 : मुंबई : मुंबई की PMLA कोर्ट में सोमवार को फिर से मनी लॉन्ड्रिंग केस की सुनवाई हुई। इस दौरान खराब स्वास्थ्य को आधार बनाकर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के वकील ने जमानत मांगी। जिस पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी जवाब दाखिल करते हुए इस जमानत का विरोध किया। साथ ही मामले में उनकी भूमिका को कोर्ट के सामने दोहराया।
नवाब मलिक के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। आर्थर रोड जेल में तबीयत बिगड़ने पर नवाब मलिक को स्ट्रेचर पर जेजे अस्पताल ले जाया गया। पिछले 3 दिनों से वो बीमार चल रहे हैं। ऐसे में मानवीय आधार पर वो चिकित्सा जमानत की मांग करते हैं। इस पर ईडी के वकील सुनील गोंजाल्विस ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने पूछा कि मलिक के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में पहले क्यों नहीं बताया गया? इसके बाद उन्होंने कोर्ट से दूसरी तारीख मांगी। जिस पर न्यायाधीश ने कहा कि ये मांग नहीं मानी जाएगी, आरोपी का स्वास्थ्य ज्यादा महत्वपूर्ण है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जेजे अस्पताल से नवाब मलिक के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट मांगी है। अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी, उस दिन इस बात का फैसला होगा कि क्या एनसीपी नेता को निजी अस्पताल में शिफ्ट किया जाना चाहिए या वहीं पर उनका इलाज जारी रहेगा। इस पर बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि कम से कम बेटी नीलोफर और दामाद समीर खान को अस्पताल में नवाब मलिक से मिलने की इजाजत दी जाए, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
दाऊद से जुड़ा है मामला आपको बता दें कि ये मामला दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों से जुड़ा हुआ है। इस वजह से ईडी ने मलिक को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद वो हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन उनको जमानत नहीं मिली। अभी 6 मई तक वो हिरासत में रहेंगे।