पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को जाएंगे मोरबी, पीड़ितों से कर सकते हैं मुलाकात, मोरबी पुल का निर्माण साल 1880 में पूरा हुआ था. मरम्मती के बाद तीन दिन पहले ही खुला

मृतकों में राजकोट से भाजपा सांसद मोहन भाई कुंदरिया के परिवारीजन भी शामिल हैं। उनके परिवार के 12 सदस्यों ने दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवा दी। भाजपा सांसद ने कहा है कि हादसे में मेरी बहन के परिवार के 12 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा, हमने मेरी बहन के जेठ की चार बेटियों, तीन दामादों और पांच बच्चों को खो दिया है।

आर० डी० न्यूज़ नेटवर्क : 31 अक्टूबर 2022 : गुजरात : गुजरात में मोरबी शहर के हैंगिंग ब्रिज के रविवार को शाम के साढ़े छह बजे टूटने से करीब 500 लोग नदी में समा गए थे । लोग छुट्टी मनाने के लिए करीब 500 की संख्या में पुल पर मौजूद थे. अचानक ब्रिज तेजी से हिलने लगा. तभी पुल टूट गया । घटना के बाद आनन-फानन में राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया. 141 लोगों के मरने की खबर आई है। बचावकर्मी अभी भी दो लोगों की तलाश कर रहे हैं, जो लापता बताए जा रहे हैं.

 गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने अभी तक 132 मौतों की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि बचावकर्मी दो लोगों की तलाश कर रहे हैं जो लापता बताए जा रहे हैं. 

8 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही पुलिस

मोरबी पुल दुर्घटना मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 8 लोगों को हिरासत ले लिया है और उनसे पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस ने पुल के ठेकेदार, मैनेजर, सुरक्षाकर्मी, टिकट लेने वाले व अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

बचाव में जुटीं 20 से ज्यादा टीमें

 राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के पांच दल, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के छह दल, वायु सेना का एक दल, सेना की दो टुकड़ियां तथा भारतीय नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल तलाश अभियान में शामिल हैं. तलाश अभियान रात से चल रहा है.

यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था. पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया. राज्य सरकार ने पुल ढहने की घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है.पुल ढहने की घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है. इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

अंग्रेज़ों के समय का यह हैंगिंग ब्रिज जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे. 

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी कई एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान पर नजर रखने के लिए रात भर मोरबी में रहे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि गुजरात में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की है.

मुआवजे की घोषणा

मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है.

उन्होंने बताया कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 308 (इरादतन हत्या) और धारा 114 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर काफी भीड़ थी.

6 महीने की मरम्मत के बाद खुला था पुल

एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था. पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था. एक अधिकारी ने बताया कि मरम्मत का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोला गया था लेकिन स्थानीय नगर निकाय ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था.

मोरबी के राजा ने करवाया था निर्माण

मोरबी पुल का निर्माण साल 1880 में पूरा हुआ था. इसे मोरबी के राजा सर वाघजी ठाकुर ने बनवाया था और मुंबई के गवर्नर रह चुके रिसर्च टेम्पल ने इसका उद्घाटन किया था. 142 साल पहले इसे बनने में 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे. वाघजी ठाकुर ने 1922 तक मोरबी पर शासन किया था. 230 मीटर लम्बे इस पुल को दरबारगढ़ पैलेस और नज़रबाग पैलेस को आपस में जोड़ने के लिए बनाया गया था.

 तीन दिन पहले ही खुले इस पुल पर सरकार ने बच्चों के लिए 12 रुपये तो बड़े लोगों के लिए 17 रुपये का टिकट लगाया था. ऐसे में मौत के शिकार हुए ये तमाम लोगों ने पुल पर चढ़ने से पहले ही अपनी मौत का टिकट कटा लिया था. मच्छू नदी पर बने इस पुल पर हुए हादसे के वक्त छह सौ से अधिक लोग बकायदे टिकट लेकर छठ पूजन के लिए आए थे.

कंपनी की लापरवाही ने ले ली 141 लोगों की जान

142 साल पुराने इस पुल के मरम्मत के लिए ओरेवा नाम की कंपनी को ठेका दिया गया था. पुल को मैनेज करने की जिम्मेदारी इसी कंपनी के पास थी, जिसने कमाई की जल्दी में बिना फिटनेस सर्टिफिकेट ही पुल को जनता के लिए खोल दिया. कंपनी को इसे खोलने की अनुमति भी नहीं दी गई थी.

पुल की हालत खराब होने की वजह से सरकार ने 7 महीने पहले इस पर लोगों की आवाजाही को बंद कर दिया था. इसके बाद इसकी मरम्मत के लिए टेंडर जारी किया गया और टेंडर पाने में ओरेवा कंपनी ने सफलता हासिल की लेकिन बिना क्वालिटी चेक के ही पुल को खोल दिया गया. अधिकारियों की मानें तो सरकार इस पुल का उद्घाटन भी कराना चाहती थी.

रात में ही मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार रात दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात भी की. राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है.

पीएम नरेन्द्र मोदी ने रद्द किया अपना कार्यक्रम

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी ने राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो रद्द कर दिया है. उन्होंने बताया कि मोदी की उपस्थिति में मंगलवार को होने वाले पेज कमिटी सम्मेलन को भी रद्द कर दिया गया है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि सोमवार को राज्य के पांच जोन से गुजरने वाली उसकी परिवर्तन संकल्प यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! Copyright Reserved © RD News Network