
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | मुंबई | Updated: 16 दिसंबर 2025: मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। कभी महाविकास अघाड़ी का अहम हिस्सा रही कांग्रेस अब इस लड़ाई में पूरी तरह अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने कांग्रेस को दरकिनार करते हुए मनसे (MNS) के साथ नया राजनीतिक समीकरण बना लिया है।
राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में जिस महाविकास अघाड़ी ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा था, वही गठबंधन अब मुंबई नगर निगम चुनाव से पहले दरकता हुआ दिखाई दे रहा है। इस बदले हुए समीकरण ने BMC चुनाव को बेहद दिलचस्प बना दिया है।
ठाकरे बंधुओं की नजदीकी बढ़ी, सीट बंटवारे पर मंथन
सूत्रों के मुताबिक, BMC चुनाव की घोषणा के साथ ही उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ठाकरे बंधुओं का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है, वहीं शरद पवार गुट भी इस मोर्चे का हिस्सा बनने जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सीट शेयरिंग का प्रारंभिक फॉर्मूला भी लगभग तैयार हो चुका है और अंतिम मुहर जल्द लग सकती है।
नए गठबंधन में कौन-कौन शामिल?
मुंबई नगर निगम चुनाव को लेकर:
• शिवसेना (ठाकरे गुट)
• महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS)
• एनसीपी (शरद पवार गुट)
ने मिलकर चुनाव लड़ने पर लगभग सहमति बना ली है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वामपंथी दल भी इस गठबंधन का समर्थन कर सकते हैं। हालांकि, इस पूरे समीकरण में कांग्रेस को पूरी तरह बाहर रखा गया है, या यूं कहें कि कांग्रेस ने खुद को इस गठबंधन से अलग कर लिया है।
सीट बंटवारे का संभावित फॉर्मूला
ठाकरे गुट के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार:
• शिवसेना (उद्धव गुट) → 120 से 125 वार्ड
• MNS → 75 से 80 वार्ड
• एनसीपी (शरद पवार गुट) → 20 से 27 वार्ड
चूंकि कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है, इसलिए इन तीनों दलों ने आपसी तालमेल से मैदान में उतरने की रणनीति बनाई है।
2017 के चुनावों का असर, नए वार्डों पर दावा
फरवरी 2017 में हुए BMC चुनावों में शिवसेना के 84 पार्षद चुने गए थे। इस बार ठाकरे गुट ने:
• पुराने वार्ड बरकरार रखने
• और 36 से 40 नए वार्डों पर दावा ठोका है
हालांकि सीट बंटवारे को लेकर अंतिम फैसला अभी बाकी है, लेकिन पार्टी 120 से 125 सीटों से कम पर समझौता करने के मूड में नहीं दिख रही है।
MNS को लेकर क्यों बन सकती है तकरार?
MNS को 75–80 वार्ड मिलने की संभावना है। पार्टी उन कुछ वार्डों पर भी दावा कर सकती है जहां:
• 2017 में शिवसेना के पार्षद चुने गए थे
• जिनमें माहिम, सेवरी, वर्ली, भांडुप और विक्रोली जैसे इलाके शामिल हैं
इन्हीं सीटों को लेकर गठबंधन में सबसे ज्यादा खींचतान होने की आशंका है। हालांकि, साथ चुनाव लड़ने का फैसला हो चुका है, इसलिए ठाकरे गुट को कुछ सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है।
NCP शरद गुट की स्थिति
एनसीपी में हुई टूट के बाद मुंबई में शरद पवार गुट की पकड़ कमजोर जरूर हुई है, लेकिन फिर भी:
• 20 से 27 वार्ड मिलने की संभावना है
2017 के चुनाव में एनसीपी के 9 पार्षद चुने गए थे। इसके अलावा शरद पवार गुट:
• घाटकोपर
• कुर्ला
• चुनाभट्टी
• मलाड
• भांडुप
• कंजूरमार्ग
• अनुशक्ति नगर
• बायकुला
जैसे इलाकों में 10 से 15 अतिरिक्त वार्डों पर दावा कर रहा है, जहां पार्टी का पारंपरिक प्रभाव माना जाता है।
कांग्रेस के लिए क्यों मुश्किल?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
• कांग्रेस का संगठन मुंबई में कमजोर हुआ है
• गठबंधन से बाहर रहना BMC चुनाव में नुकसानदेह साबित हो सकता है
अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अकेले दम पर कितना असर छोड़ पाती है, और क्या यह नया ठाकरे-पवार-MNS गठबंधन मुंबई की सत्ता की तस्वीर बदल पाएगा।


