रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 9 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार (11 नवंबर) को 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा।

इस चरण में 1302 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनके राजनीतिक भविष्य का फैसला 3 करोड़ 70 लाख से अधिक मतदाता करेंगे।

तीन दलों के प्रदेश अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर

इस चरण की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें तीन प्रमुख दलों के प्रदेश अध्यक्ष अपनी साख बचाने की चुनौती का सामना कर रहे हैं —

इन तीनों नेताओं के भाग्य का फैसला मंगलवार को मतदाता करेंगे।

 मंत्रियों, पूर्व उपमुख्यमंत्री और दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर

दूसरे चरण में 12 मंत्रियों, एक पूर्व उपमुख्यमंत्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, और कई पूर्व मंत्रियों की राजनीतिक किस्मत भी मतपेटियों में बंद हो जाएगी।

•             पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी (सिकंदरा)

•             पूर्व उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद (कटिहार)

•             मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (सुपौल)

•             मंत्री शिला मंडल (फुलपरास)

•             नीरज सिंह बबलू (छातापुर)

•             नीतीश मिश्रा (झंझारपुर)

•             रेणु देवी (बेतिया)

कई चर्चित चेहरे भी मैदान में

इस चरण की जंग में कई चर्चित चेहरे अपनी साख बचाने में जुटे हैं —

•             स्मिता गुप्ता, राजद के पूर्व अध्यक्ष रामचंद्र पूर्व की बहू (परिहार)

•             स्नेह लता कुशवाहा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी

•             चेतन आनंद, पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र (नवीनगर)

दूसरे चरण के मतदान का गणित

किन जिलों में होगा मतदान

इस चरण में पटना, गया, भोजपुर, सासाराम, औरंगाबाद, कटिहार, सुपौल, बेतिया, छपरा, सीवान, दरभंगा, मधुबनी, और किशनगंज सहित 20 जिलों में मतदान होगा।

चैनपुर, सासाराम और गया शहर में सबसे अधिक 22 उम्मीदवार, जबकि लौरिया, रक्सौल, सुगौली, त्रिवेणीगंज और बनमनखी में केवल 5-5 प्रत्याशी मैदान में हैं।

राजनीतिक विश्लेषण: जातीय समीकरण और सियासी रणनीति

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार,  दूसरे चरण का मतदान मगध, सीमांचल और मिथिलांचल के राजनीतिक समीकरणों को निर्णायक रूप से प्रभावित करेगा। यह चरण महागठबंधन बनाम एनडीए के बीच साख की जंग माना जा रहा है।

जहां राजद और कांग्रेस के लिए यह अस्तित्व की लड़ाई है, वहीं जेडीयू-भाजपा गठबंधन इसे अपनी “विकास और स्थिर सरकार” की मुहिम बना रही है। लोजपा (रामविलास) और हम पार्टी भी छोटे मगर निर्णायक वोटबैंक पर नजर बनाए हुए हैं।

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