रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : पटना । राज्यपाल फागू चौहान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर आज बिहार विधान परिषद में मनोनयन कोटे की सभी 12 सीटें भर दी। राजभवन से मनोनयन संबंधित अधिसूचना जारी होने के साथ चुनाव आयोग ने भी अधिसूचना जारी कर दी। पांच बजे विधान परिषद की कार्यवाही के अंत में सभी 12 मनोनीत सदस्यों को कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शपथ दिलाई। इन सदस्यों में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं। रालोसपा का जदयू में विलय करने के साथ वे अब जदयू के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं। 72 घंटे के बाद ही वे विधान परिषद के मनोनीत सदस्य बन गये है।कुशवाहा को संसद के दोनों सदनों और विधानमंडल के भी दोनों सदनों के सदस्य बनने का अवसर मिल गया है।अनेक पहले बिहार के राजनेताओं में लालू प्रसाद, नागमणि और सुशील कुमार मोदी को भी यह अवसर मिल चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मिथिलेश साहू ने एमएलसी के नामों की अधिसूचना जारी कर दी है। जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा, संजय गांधी, ललन सर्राफ, राम वचन राय, अशोक चौधरी और संजय सिंह को राज्यपाल के मनोनयन कोटे से एमएलसी बनाया है। उपेंद्र कुशवाहा पहली बार एमएलसी बनाए गए है। संजय सिंह, संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी , ललन सर्राफ, राम वचन राय और मंत्री अशोक चौधरी पूर्व में एमएलसी रह चुके हैं। अशोक चौधरी किसी सदन के सदस्य रहे बगैर भवन निर्माण मंत्री बने हैं। बीजेपी से जनक राम, डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, निवेदिता सिंह, देवेश कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार तथा घनश्याम ठाकुर परिषद के सदस्य मनोनीत हुए हैं।के नाम शामिल हैं। । राजेंद्र गुप्ता और प्रमोद चंद्रवंशी बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं जनक राम और देवेश कुमार पार्टी प्रदेश महामंत्री हैं। निवेदिता सिंह बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी और घनश्याम ठाकुर मधुबनी जिले के पूर्व अध्यक्ष हैं। जनक राम लोकसभा के सदस्य रहे हैं।

बिहार विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधान परिषद के लिए मनोनीत सभी 12 नये सदस्यों को मेरी तरफ से बधाई है। कल ही कैबिनेट ने निर्णय के पश्चात् राज्यपाल को इसकी सूची भेज दी थी। राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद आज उन सभी सदस्यों को विधान परिषद के कार्यकारी सभापति ने शपथ दिलायी है। अब मनोनीत सभी सदस्यों को अपनी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा, यह खुशी की बात है। कई सदस्य पहले भी विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। कुछ नये सदस्यों को भी इस बार मौका मिला है। 24 तारीख तक सदन चलने के दौरान उनलोगों को भी अपनी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।


