रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : सासाराम : जिले में देश में पहली महिला शिक्षिका बन महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम करने वाली सावित्री बाई फुले की पूण्यतिथि (परिनिर्वाण दिवस) पर याद की गयी. लोगों ने इनके चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दिया. इस क्रम में मौर्य शक्ति ने अपने कार्यालय में सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस दौरान मौर्य शक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि मौर्य ने बताया कि भारत में पहली महिला शिक्षिका बन महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम करने वाली सावित्री बाई फुले को कभी भूलाया नहीं जा सकता. क्योंकि, इनको देश के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रधानाचार्या बनने व पहले किसान स्कूल की स्थापना करने का श्रेय जाता है. साथ ही सावित्री बाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा व उनके अधिकारों की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया. सावित्री बाई ने न सिर्फ महिला अधिकार पर काम किया, बल्कि उन्होंने कन्या शिशु हत्या को रोकने के लिए प्रभावी पहल भी की. नवजात कन्या शिशु के लिए आश्रम खोले. स्त्रियों की दशा सुधारने व समाज में उन्हें पहचान दिलाने के लिए उन्होंने देश का पहला ऐसा स्कूल खोला जो लड़कियों के लिए था. कुछ लोग आरंभ से ही उनके काम में बाधा बन गए. लेकिन उनका हौसला डगमगाया नहीं. कार्यक्रम में सत्यनारायण स्वामी, डॉ संतोष कुशवाहा, डॉ कामेश्वर सिंह, डॉ अवधेश कुमार, संतोष कुमार सिंह, सुदर्शन सिंह, रवि कुशवाहा, बृजबिहारी सिंह कुशवाहा, शिव प्रसन्न सिंह, रजत कुमार, नंदु सिंह कुशवाहा, सिंटु कुशवाहा थे.


