रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : पटना: बिहार में पंचायत चुनाव का बिगुल बजने वाला है और उसके ठीक पहले नीतीश सरकार ने पंचायती राज प्रतिनिधियों के लिए एक बड़ा फैसला किया है। मंत्री और विधायक की तर्ज पर अब त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों यानी मुखिया, उप मुखिया, प्रखंड प्रमुख, उपप्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को अपनी संपत्ति का ब्योरा हर साल 31 मार्च तक देना होगा। पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव के ठीक पहले इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव के पहले जो महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है उसके मुताबिक अब पंचायत प्रतिनिधियों के लिए संपत्ति का ब्योरा देना आवश्यक होगा। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा के मुताबिक इस तरह का निर्देश सभी डीएम और जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को दे दिया गया है। दूसरी तरफ पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को शपथ पत्र के साथ अपनी चल अचल संपत्ति का ब्योरा देना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए पहले ही गाइडलाइन जारी किया है। पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अचल संपत्ति में अपना और अपने पति-पत्नी के नाम पर कृषि भूमि, शहरी भूमि, भवन की जानकारी देनी होगी। अचल संपत्ति का बाजार मूल्य भी बताना होगा। इसी तरह चल संपत्ति में नकद, बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट, बांड, शेयर, वाहन, आभूषणों का विवरण और उसकी मौजूदा कीमत बतानी होगी। सरकार ने यह फैसला पंचायती राज व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए किया है।

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