रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : सासाराम : मोदी सरकार में लोकतंत्र खतरे में है. हमलोग अपने लोकतंत्र को विलुप्त नहीं होने  देंगे. कृषि कानून के विरोध में किसान नेताओं ने बीते 18 फरवरी को एक घंटे तक ही रेल रोको अभियान में सासाराम में रेल को रोका गया था. रेल चक्का जाम शांतिपूर्ण हुआ. तब पर भी सरकार की साजिश पर रेल रोको अभियान में शामिल विभिन्न संगठनों के पांच सौ लोगों पर अज्ञात व कई लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उक्त बातें शहर के एक निजी होटल मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक राम भरत सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि रेल रोकों अभियान में शामिल पांच सौ लोगों पर हुई प्राथमिकी वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज होगी. मोदी सरकार की यह देश बेचों राणनिती को अब हमलोग कामयाब नहीं होने देंगे. क्योकि देश केवल मोदी सरकार की नहीं है. मोदी सरकार जैसी बहरी सरकार हमारे देश के लोकतंत्र को कुचलना चाहती है. हमलोगों ने कृषि के तीन काले कानूनों को वापस लेने के विरोध में रेल चक्का जाम किया था.सासाराम में एक भी सवारी गाड़ियों को अवरोध आंदोलन के दौरान नहीं  किया गया. लेकिन, इसके बावजूद केन्द्र व राज्य सरकार के दबाव में सासाराम रेल थाने में रेल रोकों अभियान में शामिल किसान नेताओं के विरूद्ध  झुठी मुकदमा व मनगढंत घटना के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस कारनामे से मोदी सरकार की राजनितिक अवधी अब समाप्त होने को है. मौके पर विभिन्न किसान संगठन के सदस्य व अध्यक्ष शामिल थे|

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