रोहतास दर्शन न्यूज़ नेटवर्क : सासाराम। जिले के डेहरी प्रखंड स्थित आरकोठा के समीप चिलबिला गांव में भुईयां जाति के लोग सड़कों पर झोपड़ी बनाकर बीते कई वर्षों से रह रहे हैं। जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। परिवार के पालनहार मनोज राम एवं प्रमिला देवी को मरे एक साल से ऊपर हो चुका है जिनकी सात छोटी बालिकाओं की हालत बहुत खराब है। बड़ी बेटी रूबी कुमारी उम्र 16 साल, दूसरी बेटी रिनकी कुमारी उम्र 11 साल, तीसरी बेटी मालती कुमारी उम्र 9 साल, चौथी बेटी पूनम कुमारी उम्र 7 साल, चिंता कुमारी उम्र 7 साल, छठी बेटी खुशी कुमारी 6 साल एवं सातवी बेटी सोनी कुमारी 4 साल झोपड़ी में हीं रहती है। दादा प्रासाद भुइयाँ व दादी रामकली बतातें है कि दो बालिकाओं को आंगनवाड़ी में भेजा जाता है तथा मनोज राम को इंदिरा आवास भी मिला था। लेकिन मर जाने के बाद आवास का पैसा नही मिल पाया। बालिकाओं के नाम पर राशन कार्ड है पर एक साल से राशन नही मिला। दादा दादी के भरोसे हीं सातों बच्चियों का किसी तरह लालन पालन हो रहा है। उक्त परिवार की दयनीय स्थिति को देखते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता संतोष उपाध्याय ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार एवं बाल कल्याण समिति रोहतास से परिवार के भरण पोषण हेतु परवरिश कार्यक्रम के तहत लाभ दिलाने की मांग एवं पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है जिससे ये नए सिरे से जीवन जी सकें।
