रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | मुंबई | Updated: 27 नवंबर 2025: मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के 17 साल पूरे होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने ‘नेवरएवर’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था—हमले में शहीद हुए बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देना और उनके परिवारों का सम्मान करना।

कार्यक्रम में एनएसजी के जवान, महाराष्ट्र एनसीसी के अधिकारी, शहीदों के परिजन और कई फिल्मी हस्तियां भी शामिल हुईं।

“राष्ट्र सर्वोपरि” — एनसीसी एडीजी मेजर विवेक त्यागी

कार्यक्रम में महाराष्ट्र एनसीसी के एडीजी मेजर विवेक त्यागी ने कहा कि 26/11 के शहीदों का साहस और बलिदान देश की प्रेरणा है। उन्होंने कहा—“हम अपने कैडेट्स में यह भावना भरते हैं कि राष्ट्र हमेशा सर्वोपरि है। यही हमारे चरित्र और मिशन का मूल सिद्धांत है।”

“17 साल बाद भी यादें ताज़ा—हर साल ताज आकर प्रार्थना करते हैं”

कार्यक्रम में शहीद मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के माता–पिता भी शामिल हुए। उनकी मां ने भावुक होते हुए कहा—

“17 साल हो गए, लेकिन सब कुछ आज भी याद है। हर साल हम ताज आते हैं, वहीं रुकते हैं और जहां उनका देहांत हुआ था, वहां प्रार्थना करते हैं।” मेजर संदीप के पिता बोले—“अगर वे देश के लिए इतना कर सकते हैं, तो हम भी कम से कम उसका एक हिस्सा तो निभा ही सकते हैं। इसलिए हम हर साल यहां आते हैं।”

फिल्मी कलाकारों ने भी दी श्रद्धांजलि

अभिनेता अदिवी शेष

अदिवी शेष, जिन्होंने मेजर संदीप पर आधारित फिल्म में अभिनय किया था, कार्यक्रम में मौजूद रहे। उन्होंने कहा—

“हम उनका नाम कभी नहीं भूल सकते। हमारी हर कोशिश उनकी यादों को जिंदा रखने के लिए है।”

अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर

उन्होंने भावुक होकर कहा— “शहीदों के परिवारों और जीवित नायकों को मेरा शत–शत नमन। आपने जो बलिदान दिया है, वह अतुलनीय है। भारत कभी झुकेगा नहीं।”

“मेरी बेटी ताज में फंस गई थी”—वर्ल्ड ट्रेड सेंटर चेयरमैन

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के चेयरमैन ने कार्यक्रम में कहा— “26/11 का दिन कभी नहीं भूल सकता। मेरी बेटी भी ताज होटल में फंस गई थी। सुबह 3:30 बजे एनएसजी और पुलिस ने उसे बचाया। वह दिन आज भी रोंगटे खड़ा कर देता है।”

26/11 का प्रत्यक्ष अनुभव — सेवानिवृत्त मुंबई पुलिस अधिकारी का बयान

एक सेवानिवृत्त अधिकारी, जो 26/11 की रात मौके पर मौजूद थे, ने याद किया—उन्होंने बताया कि गिरगांव चौपाटी पर अबू इस्माइल और अजमल कसाब का सामना कैसे हुआ। “हमने आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन उन्होंने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में इस्माइल मारा गया, लेकिन कसाब की गोलियों से हमारे साथी तुकाराम शहीद हो गए।”

“हम शहीदों को याद करते हैं, 26/11 को नहीं”—आईपीएस कृष्ण प्रकाश

कार्यक्रम में आईपीएस कृष्ण प्रकाश ने कहा— “26/11 हमारे इतिहास का काला अध्याय है, लेकिन इसमें हमारे वीरों ने अद्भुत विजय हासिल की। मुंबई पुलिस, एनएसजी और सभी सुरक्षा बल फिर से ऐसे किसी भी हमले से निपटने के लिए तैयार हैं।”

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