
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | रांची | Updated: 26 नवंबर 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अवहेलना से जुड़े मामले में झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए 4 दिसंबर 2024 को दी गई अंतरिम राहत को समाप्त कर दिया और एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट को ट्रायल प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की एकल पीठ ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई निचली अदालत में बिना किसी कानूनी बाधा के जारी रहेगी।
यह मामला उस शिकायतवाद से जुड़ा है, जिसे ईडी ने 19 फरवरी 2024 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) कोर्ट में दायर किया था। ईडी का आरोप है कि रांची के बड़गाईं अंचल से जुड़े जमीन घोटाले की जांच के दौरान पूछताछ के लिए सीएम हेमंत सोरेन को 14 अगस्त 2023 से 27 जनवरी 2024 के बीच कुल 10 समन भेजे गए। इनमें से वे केवल दो समन पर उपस्थित हुए। एजेंसी का कहना है कि यह पीएमएलए की धारा 63 और IPC की धारा 174 के तहत समन की अवहेलना का मामला बनता है।
ईडी की शिकायत पर CJM कोर्ट ने 4 मार्च 2024 को संज्ञान लिया और बाद में मामला एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट में भेज दिया गया। इसके बाद हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए तर्क दिया कि जिन समनों पर वे उपस्थित नहीं हो सके, उनका उत्तर उन्होंने लिखित रूप से दे दिया था और बाद में नए समन पर उन्होंने उपस्थित होकर जवाब दिया। उनका दावा था कि ईडी ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर अनावश्यक रूप से बार-बार समन भेजे।
पहले हाईकोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से अंतरिम राहत दे दी थी, लेकिन मंगलवार को हुए महत्वपूर्ण सुनवाई में सोरेन पक्ष की अतिरिक्त समय और राहत बढ़ाने की मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल में अब कोई बाधा नहीं है, इसलिए निचली अदालत अपनी प्रक्रिया जारी रखे।
अब यह मामला 28 नवंबर को एमपी–एमएलए कोर्ट में सुना जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। इस फैसले को राज्य की राजनीति और वर्तमान कानूनी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।


