रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 26 नवंबर 2025: राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद अब इसका सीधा प्रभाव नेताओं के सरकारी आवासों पर दिखने लगा है। नई सरकार के गठन के बाद भवन निर्माण विभाग द्वारा पुराने आवंटनों की समीक्षा शुरू कर दी गई है, जिसके तहत कई नेताओं को उनके वर्षों पुराने आवास खाली करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस कार्रवाई की ज़द में अब बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे, पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव भी आ गए हैं।

तेज प्रताप यादव का आवास बदला, नई सरकार ने किया पुनः आवंटन

तेज प्रताप यादव, जो 2020 में हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनकर आए थे, पिछले कई वर्षों से पटना के 26 M स्ट्रैंड रोड स्थित सरकारी आवास में रह रहे थे। यह आवास उन्हें विधायक के रूप में अधिकारों के तहत उस समय आवंटित किया गया था। हालांकि 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपना क्षेत्र बदलकर महुआ से चुनाव लड़ा, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

विधायक पद समाप्त होने के साथ ही उनका सरकारी आवास रखने का अधिकार भी समाप्त हो गया और यही कारण है कि यह बंगला अब नई सरकार में मंत्री बने लखिन्दर कुमार रौशन को पुनः आवंटित कर दिया गया है। तेज प्रताप के कार्यालय ने अभी तक इस फैसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन आरजेडी समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहे हैं।

राबड़ी देवी पर भी बदला आवास — दो दशक पुराना निवास खाली करना होगा

सिर्फ तेज प्रताप ही नहीं, बल्कि उनकी मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भी उनके लंबे समय से आवंटित आवास से स्थानांतरित होने का आदेश मिला है। पिछले लगभग 20 वर्षों से 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले में रह रहीं राबड़ी देवी के आवास का पुनः आवंटन भी सत्ता परिवर्तन के बाद बदल दिया गया है।

भवन निर्माण विभाग के हालिया आदेश के अनुसार, उन्हें अब हार्डिंग रोड स्थित केंद्रीय पूल आवास का बंगला नंबर 39 नया आधिकारिक आवास के रूप में आवंटित किया गया है, जिसे नेता प्रतिपक्ष के प्रावधानों के तहत तय किया गया है।

भवन निर्माण विभाग का स्पष्टीकरण: “नीतियों के अनुसार कार्रवाई”

सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह निर्णय पूरी तरह नियम-आधारित प्रक्रिया का हिस्सा है। पद, जिम्मेदारी और संवैधानिक भूमिका के बदलने पर सरकारी आवासों का आवंटन बदलना एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया है।

सूत्रों ने पुष्टि की कि हाल ही में मंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों तथा विपक्षी नेताओं के लिए पुनः आवंटित आवासों की सूची जारी की गई है। इसी के तहत राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव पर यह बदलाव लागू किया गया है।

सत्ता परिवर्तन का असर घर के पते तक: राजनीतिक संकेत स्पष्ट

बिहार में भले ही सत्ता बदलाव विधानसभा के भीतर हुआ हो, लेकिन उसका असर अब नेताओं के पते तक पहुंच चुका है। तेज प्रताप से लेकर राबड़ी देवी तक आवासों की इस फेरबदल ने एक बार फिर यह उजागर कर दिया है कि राजनीति में न तो कुर्सी स्थायी होती है और न ही उससे मिलने वाली सरकारी सुविधाएं।

कुर्सी बदलते ही नीतियां बदलती हैं, और नीतियों के साथ बदल जाते हैं नेताओं के सरकारी बंगले—यह क्रम राजनीति के बदलते समीकरणों की एक सजीव पहचान है।

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