
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 26 नवंबर 2025: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी को राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग द्वारा 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। यह आवास पिछले दो दशक से राबड़ी देवी के उपयोग में है। विभाग ने नए आदेश के तहत उन्हें बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर हार्डिंग रोड स्थित आवास संख्या 39 आवंटित किया है।
सरकारी नोटिस जारी होने के तुरंत बाद यह मुद्दा राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र बन गया। आरजेडी समर्थकों और नेताओं ने इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार दिया, जबकि समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इसे “लालू परिवार के प्रति अनादर” बताया।
रोहिणी आचार्य की प्रतिक्रिया: ‘दिल से कैसे निकालोगे?’
राबड़ी देवी की बेटी और लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने X (ट्विटर) पर नोटिस साझा करते हुए सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने लिखा: “सुशासन बाबू का विकास मॉडल! करोड़ों लोगों के मसीहा लालू प्रसाद यादव का अपमान करना पहली प्राथमिकता है। घर से तो निकाल देंगे, लेकिन बिहार की जनता के दिल से कैसे निकालिएगा? सेहत ठीक नहीं है, तो कम से कम राजनीतिक कद का ही सम्मान रख लेते।”
उनके पोस्ट के बाद आरजेडी समर्थकों ने पूरे बिहार में इस फैसले की आलोचना शुरू कर दी और इसे “अनुचित व असंवेदनशील कदम” बताया।
आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव का बयान: ‘परंपरा तोड़ी गई’
पार्टी की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि यह मामला परंपरा और राजनीतिक शुचिता के खिलाफ है। उन्होंने कहा: “राबड़ी देवी पिछले 20 साल से इस आवास में रह रही हैं। ऐसी परंपरा नहीं रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर आवंटित आवास को खाली कराया जाए। यह राजनीतिक शुचिता का हनन है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण हुआ है और भाजपा-जेडीयू गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा: “बीजेपी का दबदबा अब एक अणे मार्ग तक पहुँच चुका है। जेडीयू पूरी तरह दबाव में है और हर निर्णय बीजेपी के इशारे पर ले रही है।”
‘हम कोर्ट क्यों जाएंगे?’ — आरजेडी
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले में आरजेडी कोर्ट जाएगी, तो शक्ति यादव ने स्पष्ट रूप से कहा:
“हम कोर्ट क्यों जाएंगे? बीजेपी ने यदि ऐसा करना ठान लिया है, तो वह करेगी ही। यह स्पष्ट राजनीतिक प्रतिशोध है।”
सरकार का रुख
भवन निर्माण विभाग ने स्पष्ट किया कि राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उपयुक्त सरकारी आवास पहले ही आवंटित किया जा चुका है और उन्हें वहीं स्थानांतरित होना होगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह नोटिस “प्रशासनिक प्रक्रिया” के तहत जारी किया गया है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज
राबड़ी देवी के आवास खाली कराने संबंधी यह घटना बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर चुकी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना न केवल लालू-राबड़ी परिवार के राजनीतिक प्रभाव से जुड़ी है, बल्कि 2025–26 के चुनावी समीकरणों को भी सीधे प्रभावित कर सकती है।



