रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | अयोध्या | Updated: 24 नवंबर 2025: 25 नवंबर की सुबह पूरे देश के लिए ऐतिहासिक साबित हुई, जब अयोध्या स्थित भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवा धर्म ध्वज फहराया। वर्षों के इंतजार के बाद पूर्ण रूप से भव्य स्वरूप में तैयार हुए इस दिव्य मंदिर का दृश्य श्रद्धालुओं के लिए अलौकिक और भावनापूर्ण रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देशभर से आए साधु–संत, विशिष्ट अतिथि और लाखों राम भक्त इस पावन क्षण के साक्षी बने।

45 किलो शुद्ध सोने से सजा राम मंदिर

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण में अब तक 45 किलो शुद्ध सोने का उपयोग किया जा चुका है। इसकी अनुमानित कीमत—टैक्स छोड़कर—लगभग 50 करोड़ रुपये आंकी गई है। शुद्ध सोना—

• भूतल पर विराजमान रामलला के सिंहासन

• मंदिर के 14 मुख्य दरवाज़ों

• 161 फीट ऊँचे मुख्य शिखर

• तीनों गुंबदों के उच्चतम भागों

• शेषावतार मंदिर

में इस्तेमाल किया गया है। सोने की नक्काशी और सजावट मंदिर की भव्यता को अद्वितीय बनाती है।

सोने की परत से सजे धर्म ध्वज स्तंभ

भगवा ध्वज यात्रा से पहले मंदिर परिसर में स्थित 161 फीट ऊंचे स्तंभ को शुद्ध सोने की पतली परत से मढ़ा गया, जिसे विशेष रूप से मुंबई से आए कुशल कारीगरों ने तैयार किया। पारंपरिक तकनीक से लगाए गए गोल्ड लीफ काम के कारण ध्वज स्तंभ दूर से ही चमकता हुआ दिखता है, जिससे पूरा वातावरण स्वर्णिम आभा से जगमगा उठा।

कैसा है धर्म ध्वज?

धर्म ध्वज का निर्माण विशेष परंपराओं और आध्यात्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखकर किया गया है—

• लंबाई: 22 फीट

• चौड़ाई: 11 फीट

• कपड़ा: केसरिया रेशमी सिल्क

• चिह्न: “ॐ”, सूर्य, और कोविदार वृक्ष

इन प्रतीकों का प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक परंपरा से गहरा संबंध है। ध्वज स्तंभ के आसपास पांच कोविदार के वृक्ष भी रोपे गए, जो अयोध्या की पुरातन परंपरा का स्मरण कराते हैं।

इतना खर्च कर चुका है ट्रस्ट

सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार—

• 5 जून 2024 तक मंदिर निर्माण पर 2150 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे

• 2024–25 के लिए 850 करोड़ का बजट जारी किया गया

• 2023–24 में 363 करोड़ रुपये की आय दर्ज की गई

• आय का बड़ा हिस्सा लोगों के दान और बैंक ब्याज से आया

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार निर्माण तेज गति से आगे बढ़ रहा है और मंदिर परिसर को दुनिया के सबसे भव्य धार्मिक स्थलों में से एक बनाने का लक्ष्य है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार वाला समाज

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2024 रिपोर्ट के अनुसार—

• भारत में कुल 22,000–25,000 टन सोना मौजूद है

• इसमें लोगों के घरों और मंदिरों का सोना शामिल

• सिर्फ उत्तर प्रदेश के मंदिरों में लगभग 11 क्विंटल (1,100 किलोग्राम) सोना जमा है

• इसमें राम मंदिर, काशी विश्वनाथ, और गिरिराज-गोवर्धन मंदिर भी शामिल हैं

अयोध्या का राम मंदिर इस गौरवपूर्ण स्वर्ण परंपरा का नया और ऐतिहासिक अध्याय बन चुका है।

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