
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | रांची | Updated: 24 नवंबर 2025: झारखंड हाईकोर्ट ने राजधानी रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की बिगड़ती स्वास्थ्य सुविधाओं पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए झालसा (Jharkhand Legal Services Authority) को 10 दिनों में विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
झालसा की टीम करेगी जमीनी जांच
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि झालसा एक समिति गठित करे, जो रिम्स पहुँचकर अस्पताल की वर्तमान स्थिति का वास्तविक आकलन करे।
समिति को रिपोर्ट में निम्न बिंदुओं पर विस्तृत विवरण देना होगा:
• मरीजों को मिलने वाली दवाओं की उपलब्धता
• पैथोलॉजी एवं जांच सेवाओं की व्यवस्था
• ट्रॉमा सेंटर की कार्यस्थिति
• पीने के पानी और स्वच्छता व्यवस्था
• मेंटेनेंस और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति
• अस्पताल प्रशासन के कार्यों का प्रभाव
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मैदान में स्थिति ठीक है या नहीं – जांच रिपोर्ट में यह साफ-साफ दर्ज होना चाहिए।
याचिकाकर्ता को भी दिया निर्देश
अदालत ने जनहित याचिका दायर करने वाले पक्षकार को भी निर्देश दिया है कि:
• 10 अक्टूबर 2025 के कोर्ट आदेश के आधार पर
• रिम्स और राज्य सरकार द्वारा दायर शपथपत्रों की
• बिंदुवार समीक्षा करते हुए
• एक टेबलर चार्ट के रूप में जवाब प्रस्तुत करें
ताकि यह साबित किया जा सके कि सरकार जिन सुधारों का दावा कर रही है, वे जमीन पर कितने लागू हुए हैं।
अगली सुनवाई 3 दिसंबर
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अगली तारीख 3 दिसंबर निर्धारित की। अदालत ने साफ किया कि स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सार्वजनिक सुविधा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
स्टाफ की कमी, जर्जर ढांचा – वर्षों से उठता रहा सवाल
रिम्स पर कोर्ट पहले भी कड़ा रुख दिखा चुका है।
राज्य का सबसे बड़ा मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल:
• डॉक्टर, नर्स और तकनीशियन की कमी
• टूटे-फूटे बुनियादी ढांचे
• आवश्यक उपकरणों की अनुपलब्धता
• अव्यवस्थित प्रशासन
जैसी गंभीर समस्याओं से वर्षों से जूझ रहा है।
मरीजों की लगातार शिकायतें और मीडिया रिपोर्टें भी रिम्स की कमजोर व्यवस्था पर सवाल उठाती रही हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका भी लंबित
रिम्स को लेकर सुयो-मोटो सुनवाई के साथ-साथ, सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति शर्मा की ओर से भी एक अलग जनहित याचिका दायर है। इसमें माँग की गई है:
• अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी दूर की जाए
• आवश्यक मशीनों और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो
• समग्र चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाया जाए


