
रिपोर्ट: Rohtas Darshan चुनाव डेस्क | पटना | Updated: 21 नवंबर 2025: बिहार में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक गांधी मैदान में 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ नवगठित मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने भी पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
नई सरकार की कैबिनेट में इस बार शिक्षा को लेकर दिलचस्प तस्वीर सामने आई है। नीतीश के 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शिक्षा का स्तर मैट्रिक पास से लेकर पीएचडी धारकों तक फैला हुआ है।
🎓 नीतीश खुद इंजीनियर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने
• बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब NIT पटना)
से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है।
डिप्टी सीएम और दो मंत्री भी इंजीनियर
कुल 3 मंत्री इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं—
• विजय कुमार सिन्हा – बेगूसराय पॉलिटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
• दीपक प्रकाश – मणिपाल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में B.Tech
• मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
चार मंत्री पीएचडी धारक
नई कैबिनेट में चार मंत्री डॉक्टरेट डिग्री धारक हैं—
1️⃣ दिलीप कुमार जायसवाल – बीएनएम विश्वविद्यालय, मधेपुरा
2️⃣ अशोक चौधरी
3️⃣ संतोष कुमार सुमन
4️⃣ डॉ. प्रमोद कुमार
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को मानद डॉक्टरेट (Honorary Doctorate) प्रदान किया जा चुका है।
4 मंत्री स्नातकोत्तर, 7 स्नातक
मंत्रिपरिषद में—
स्नातकोत्तर (PG) मंत्री – 4
• विजय कुमार चौधरी
• सुनील कुमार
• अरुण शंकर प्रसाद
• श्रेयसी सिंह
स्नातक (Graduate) मंत्री – 7
• मंगल पांडेय
• मदन सहनी
• रामकृपाल यादव
• संजय सिंह टाइगर
• लखेंद्र कुमार रौशन
• संजय कुमार
• अन्य
केवल एक मंत्री मैट्रिक पास
नई टीम में नारायण प्रसाद एकमात्र मंत्री हैं जो मैट्रिक पास हैं।
सात मंत्री सिर्फ 12वीं पास
कैबिनेट में 7 मंत्री 12वीं तक शिक्षित हैं।
इनमें—
• बिजेंद्र प्रसाद यादव
• श्रवण कुमार
• लेशी सिंह
• नितिन नवीन
• जमा खान
• सुरेंद्र मेहता
• रमा निषाद
विशेष बात यह है कि रमा निषाद पहली बार MLA चुनी गईं और सीधे मंत्री भी बन गईं, जबकि बाक़ी छह मंत्री पहले भी विभाग संभाल चुके हैं।
शिक्षा में विविधता, प्रशासन में अनुभव
नई सरकार में शिक्षा और अनुभव दोनों का अनूठा संयोजन देखने को मिलता है—
• इंजीनियरिंग, डॉक्टरेट और स्नातकोत्तर के साथ
• जमीनी स्तर से उठे वरिष्ठ नेताओं का तजुर्बा भी शामिल है।
राजनीति और प्रशासनिक नेतृत्व के इस मिश्रण से नई सरकार पर राज्य की जनता की उम्मीदें और जिम्मेदारियाँ दोनों बढ़ गई हैं।


